जनता दर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य, पारदर्शिता और संवेदनशीलता से होगा हर शिकायत का समाधान

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
जनता से सीधा संवाद (Direct Public Interaction) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली (Working Style) का सबसे मजबूत आधार माना जाता है। सोमवार, 15 दिसंबर को लखनऊ स्थित गोरखनाथ मंदिर परिसर (Gorakhnath Temple Premises) में आयोजित जनता दर्शन (Janta Darshan) कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एक बार फिर जनता से आमने-सामने हुए। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिनको मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना और प्रत्येक फरियादी (Complainant) को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से सीधे कहा कि “हर जरूरतमंद की सेवा (Service to the Needy) और समस्याओं का समाधान ही हमारी सरकार का लक्ष्य (Mission) है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान (Service, Security & Dignity) के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। आठ वर्ष से अधिक कालखंड में जन-सुनवाई (Public Hearing) का यह निरंतर अभियान लोगों में विश्वास जगाने और शासन को संवेदनशील बनाने की अनूठी पहल माना जा रहा है।कार्यक्रम का वातावरण पूर्णतः जनसरोकारों से जुड़ा था। लखनऊ, प्रयागराज, शाहजहांपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, कानपुर, जौनपुर सहित कई जिलों से आए लोगों ने मुख्यमंत्री को अपने प्रार्थना पत्र (Application) सौंपे। मुख्यमंत्री ने अत्यंत ध्यानपूर्वक प्रत्येक आवेदन पढ़ा और उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर शिकायत का जल्द, पारदर्शी और न्यायसंगत निस्तारण (Fair Grievance Disposal) सुनिश्चित किया जाए।मुख्यमंत्री के ‘जनता दर्शन’ में अनुशासन, संवेदनशीलता और त्वरित सेवा भावना (Prompt Administrative Response) झलकती दिखाई दी। जैसे ही फरियादी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे, उन्होंने सभी से आत्मीयता और सादगी के साथ संवाद किया। किसी की जमीन विवाद की समस्या थी, तो किसी की पुलिस कार्रवाई में देरी की शिकायत। कई मामलों में बुजुर्ग, महिलाएं और किसान (Farmers) बड़ी उम्मीद लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने हर किसी को सुना, अधिकारी को बुलाया और मौके पर समाधान की प्रक्रिया शुरू करवाई।
शाहजहांपुर (Shahjahanpur) से आए एक किसान ने बताया कि उनके क्षेत्र के धान क्रय केंद्र (Paddy Procurement Center) पर लापरवाही हो रही है, कहीं तौल मशीनें नहीं चालू हैं, तो कहीं समय पर भुगतान नहीं हो रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल शासन-प्रशासन को चेताया कि “किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी (Inconvenience) नहीं होनी चाहिए। धान खरीद प्रक्रिया (Paddy Purchase Process) में पारदर्शिता और सुगमता होनी चाहिए। अधिकारी स्वयं औचक निरीक्षण करें और लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करें।” उन्होंने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी (District Magistrate) को निर्देशित करते हुए कहा कि किसान अन्नदाता (Annadata) हैं, उनकी समृद्धि में ही राज्य की समृद्धि निहित है।पीएसी (Provincial Armed Constabulary – PAC) के एक सिपाही ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बताई, जिस पर मुख्यमंत्री ने न केवल ध्यानपूर्वक सुना, बल्कि संबंधित अधिकारी को आदेश दिया कि तुरंत मामले की जांच कर उचित समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल स्पष्ट दिखाती है कि वे प्रशासनिक ढांचे (Administrative System) को केवल आदेश देने वाला नहीं, बल्कि जनहित में क्रियाशील (Action-Oriented) माध्यम बनाए रखना चाहते हैं।प्रयागराज (Prayagraj) से आए फरियादियों की शिकायतें सुनते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे मामला राजस्व का हो या पुलिस का, हर नागरिक को न्याय (Justice) मिलना चाहिए। उन्होंने प्रयागराज के जिला प्रशासन (District Administration) और पुलिस अधिकारियों को तत्काल जांच करने और जनहित में निर्णय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन का उद्देश्य केवल समस्याएँ सुनना नहीं, बल्कि उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है। यही अच्छे शासन (Good Governance) की पहचान है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके पर उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि “जनता दर्शन सिर्फ शिकायत सुनने का कार्यक्रम नहीं है, यह सरकार की जवाबदेही (Accountability) का प्रतीक है। यह कार्यक्रम बताता है कि सरकार जनता से कितनी निकट है और लोकतंत्र (Democracy) का वास्तविक स्वरूप क्या है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रशासन को ‘जनसेवक’ (Public Servant) की भावना से काम करने के लिए प्रेरित किया है।
‘जनता दर्शन’ के दौरान कुछ फरियादी ऐसे भी थे जो वर्षों से अपनी समस्या लेकर विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन वार्ता का अवसर नहीं मिला था। मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर उनकी उम्मीदें जीवित हुईं। कई महिलाओं ने घरेलू विवाद, विरासत या सामाजिक उपेक्षा से जुड़ी समस्याएं बताईं। मुख्यमंत्री ने महिला सुरक्षा (Women Safety) और न्याय की दिशा में सख्त रुख दिखाया। उन्होंने महिला हेल्पलाइन (Women Helpline) को और सशक्त करने के निर्देश भी दिए।कार्यक्रम के एक दिलचस्प पल में मुख्यमंत्री ने बच्चों से विशेष रूप से मुलाकात की। कई फरियादी अपने छोटे बच्चों को साथ लाए थे। मुख्यमंत्री ने बच्चों से उनका नाम, कक्षा (Class) और स्कूल (School) पूछा, उन्हें चॉकलेट दी और कहा कि “आप मन लगाकर पढ़ाई करें, अच्छे नागरिक बनें।” उन्होंने बच्चों को आशीर्वाद (Blessing) दिया और कहा कि “यही बच्चे भविष्य में उत्तर प्रदेश का और देश का गौरव बढ़ाएंगे।”इस छोटे परंतु प्रभावशाली पल ने जनता दर्शन के माहौल को भावनात्मक (Emotional) और पारिवारिक (Familial) बना दिया। मुख्यमंत्री का यह व्यवहार बताता है कि वे केवल एक प्रशासनिक प्रमुख नहीं, बल्कि संवेदनशील नेतृत्वकर्ता (Empathetic Leader) हैं जो जनता के सुख-दुख में बराबर शामिल रहते हैं।कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी फरियादियों को भरोसा दिलाया कि “किसी भी समस्या को अनदेखा नहीं किया जाएगा। प्रत्येक शिकायत का समाधान न्यायोचित तरीके से किया जाएगा।
अधिकारी सुनवाई में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें और जनता का भरोसा जीतने के लिए जवाबदेही भरा आचरण करें।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनसमस्या का समाधान ही विकास का वास्तविक मापदंड (Real Measure of Governance) है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं (Farmers, Youth & Women) के कल्याण (Welfare) के लिए निरंतर योजनाएं चला रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता दर्शन जैसे कार्यक्रम शासन को जनता से जोड़ने की सबसे प्रभावी कड़ी हैं। इससे न केवल प्रशासन की सक्रियता (Efficiency) बढ़ती है, बल्कि पारदर्शिता (Transparency) और जवाबदेही (Accountability) भी सुनिश्चित होती है।सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘जनता दर्शन’ का यह मॉडल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सुशासन (Good Governance) की प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है। यह केवल एक नियमित कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता के साथ सरकार के भरोसेमंद रिश्ते (Trust-Based Relationship) का जीवंत उदाहरण बन चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता के सुख, सुरक्षा और सम्मान के बिना शासन का कोई अर्थ नहीं। सरकार तभी सफल है जब अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की समस्या सरकार तक पहुंचे और उसका समाधान हो।” उन्होंने कहा कि “हमने तय किया है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अनसुना न जाए।”‘जनता दर्शन’ में यह स्पष्ट दिखा कि मुख्यमंत्री हर फरियादी से सीधा संवाद स्थापित करते हैं, जिससे जनता का भरोसा बढ़ता है। इस दौरान उनके सहयोगी अधिकारी, जिला प्रशासन और सुरक्षा कर्मी पूरी तत्परता से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से पूरा किया गया ताकि किसी को असुविधा न हो।योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण में ‘जनता दर्शन’ केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का माध्यम है। उन्होंने बार-बार दोहराया कि यह सरकार जनहित (Public Interest) में समर्पित (Dedicated) है और उसकी प्राथमिकता जनता की खुशी है, न कि सत्ता का प्रदर्शन।
जब कार्यक्रम समाप्त हुआ, तब यह संदेश स्पष्ट था कि शासन की कुशलता केवल योजनाओं के आँकड़ों में नहीं, बल्कि जनता तक पहुँचने की प्रतिबद्धता (Commitment to People) में निहित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह जनता से खुलकर बात की, वह जनता के प्रति उनके सच्चे समर्पण की झलक पेश करता है।जनता दर्शन के इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक तंत्र (Administrative Machinery) सक्रिय और जनता-संवेदनशील हो चुका है। मुख्यमंत्री का यह प्रत्यक्ष संवाद लोकतंत्र की उस भावना को जीवंत करता है जिसमें जनता ही शासन का आधार है।





