आरा में फर्जी दारोगा बनकर युवक से रुपये ऐंठ रहे यूपी निवासी दो गिरफ्तार, नगर थाना पुलिस की त्वरित कार्रवाई

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर में फर्जी पुलिस दारोगा बनकर लोगों को धमकाने और रुपये ऐंठने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नगर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ऐसे ही दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को पुलिस दारोगा और उसका सहकर्मी बताकर एक युवक से जबरन रुपये वसूल रहे थे। गिरफ्तार दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

घटना रविवार की शाम नगर थाना क्षेत्र के धरहरा मुहल्ला स्थित मुसहर टोली, अमीरी गली के पास की है। इस मामले में नवादा थाना क्षेत्र के श्री टोला निवासी विजय यादव के पुत्र चंदन यादव ने नगर थाने में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।

पीड़ित चंदन यादव के अनुसार, 14 दिसंबर की शाम करीब साढ़े पांच बजे वह अपने एक मित्र से मिलने धरहरा मुसहर टोली अमीरी गली के पास गया था। इसी दौरान दो अज्ञात व्यक्ति वहां पहुंचे और खुद को आरा नगर थाना का पुलिस दारोगा बताते हुए उसे पकड़ लिया। आरोपियों ने उससे पूछताछ के दौरान कहा कि वह वहां शराब पीने या पिलाने के उद्देश्य से घूम रहा है। जब चंदन यादव ने बताया कि वह केवल अपने दोस्त से मिलने आया है, तो दोनों आरोपियों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया।

पीड़ित के अनुसार, आरोपियों ने कहा कि यदि उसने पैसे नहीं दिए तो उसे शराब के मामले में फंसा दिया जाएगा। इसी दौरान एक आरोपी ने दूसरे को दारोगा बताते हुए कहा कि “ये हमारे दारोगा जी हैं, जल्दी से अपने पास जो भी पैसे हैं दे दो और यहां से भाग जाओ।” धमकी और दबाव में आकर आरोपियों ने चंदन यादव की जेब से जबरन एक हजार रुपये निकाल लिए।

घटना के दौरान युवक को पकड़े देख आसपास के लोग वहां जमा होने लगे। तभी संयोगवश आरा नगर थाना की क्रॉस मोबाइल टीम मौके पर पहुंच गई और पूरे मामले की जानकारी ली। पुलिस को देखते ही दोनों आरोपी चंदन यादव को छोड़कर भागने लगे, लेकिन पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए पीछा कर दोनों को धर दबोचा।

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बदलापुर जौनपुर गांव निवासी राजेश सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह तथा मेरठ जिले के इनचोली थाना अंतर्गत मवाना गांव निवासी स्वर्गीय गफ्फार के पुत्र शाह नजर उर्फ सोनू के रूप में हुई है। पूछताछ में सामने आया कि अभिषेक सिंह खुद को पुलिस दारोगा बता रहा था, जबकि शाह नजर उर्फ सोनू स्वयं को उसका सहकर्मी बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था।

नगर थाना पुलिस ने पीड़ित के लिखित आवेदन के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में फर्जी पुलिस बनकर ठगी करने वालों को लेकर चिंता और आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं, नगर थाना पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई की क्षेत्र में सराहना की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आम नागरिकों को डराने-धमकाने या पुलिस बनकर ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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