भोजपुर में पुलिस अधीक्षक भोजपुर की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा: इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ), लोक अभियोजक तथा पुलिस और अभियोजन से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, त्वरित और परिणामोन्मुख बनाना रहा।
बैठक में विशेष रूप से पुलिस और अभियोजन पक्ष के बीच आपसी तालमेल को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों के बीच बेहतर समन्वय से अदालती मामलों की प्रभावी पैरवी संभव है, जिससे दोषियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी और निर्दोष लोगों को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सकेगा।
लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई। पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि पुराने और गंभीर मामलों की नियमित समीक्षा की जाए तथा अभियोजन के साथ समन्वय स्थापित कर सुनवाई में आ रही बाधाओं को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि मामलों में देरी न्याय व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, इसलिए इसे प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए।
बैठक में पेशेवर और आदतन अपराधियों की ज़मानत रद्द कराने की रणनीति पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि समाज में भय और असुरक्षा फैलाने वाले अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। ऐसे मामलों में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर अभियोजन के माध्यम से ज़मानत निरस्तीकरण की प्रभावी पहल की जाए।
गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर बढ़ाने पर विशेष बल देते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ गवाहों की सुरक्षा और सशक्त प्रस्तुतिकरण पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
अंत में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस और अभियोजन का संयुक्त प्रयास ही नागरिकों को समय पर न्याय दिला सकता है। ऐसी समन्वय बैठकों से न केवल कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। बैठक में शामिल अधिकारियों ने निर्देशों के अनुपालन का भरोसा जताया।-





