आरा मुफ्फसिल थाना परिसर में जनता दरबार आयोजित

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा: भोजपुर जिले के आरा मुफ्फसिल थाना परिसर में आयोजित जनता दरबार के दौरान क्षेत्र से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समस्याओं और मांगों को लेकर चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला पार्षद आरा सदर धनंजय यादव ने भोजपुर के आरक्षी अधीक्षक से शिष्टाचार मुलाकात कर उनका अभिवादन किया और क्षेत्र की कानून-व्यवस्था से संबंधित एक अहम मांग उनके समक्ष रखी।
जनता दरबार के दौरान जिला पार्षद धनंजय यादव ने जमीरा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) परिसर में पुलिस चौकी स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जमीरा एपीएचसी क्षेत्र में आम जनता की आवाजाही लगातार बनी रहती है, ऐसे में पुलिस चौकी की स्थापना से सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकता है।
आरक्षी अधीक्षक ने जिला पार्षद की मांग को गंभीरता से सुना और इसे जनहित में आवश्यक बताते हुए तत्काल स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने मौके पर ही आरा मुफ्फसिल थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि जमीरा एपीएचसी परिसर में जल्द से जल्द पुलिस चौकी की स्थापना की जाए, ताकि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।
जिला पार्षद धनंजय यादव ने इस निर्णय के लिए पुलिस प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस चौकी की स्थापना से न केवल जमीरा गांव, बल्कि आसपास के लगभग दस गांवों के लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इससे क्षेत्र में अपराध और असामाजिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा तथा आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि एपीएचसी जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर पुलिस चौकी रहने से मरीजों, उनके परिजनों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। इसके साथ ही किसी भी आपात स्थिति में पुलिस की त्वरित उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी।
जनता दरबार में उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी जमीरा एपीएचसी में पुलिस चौकी की मांग स्वीकार किए जाने पर प्रसन्नता जताई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने वाला है।
ग्रामीणों का मानना है कि पुलिस चौकी की स्थापना से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बेहतर होगी और आम लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए दूर थाना नहीं जाना पड़ेगा। जनता दरबार के माध्यम से इस मांग के त्वरित समाधान को प्रशासन और जनता के बीच बेहतर समन्वय का उदाहरण बताया जा रहा है।





