श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक, अगले दो वर्षों की (Future Roadmap) तय, 6 लाख देश में और 50 हजार विदेश में रोजगार का लक्ष्य

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश के अंतर्गत श्रम एवं सेवायोजन विभाग की आगामी दो वर्षों की (Proposed Action Plan) को लेकर लखनऊ स्थित विधान भवन के सभाकक्ष संख्या 80 में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने की, जबकि इस अवसर पर राज्यमंत्री मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’ की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए भविष्य की (Strategic Planning) को अंतिम रूप देना था, ताकि श्रमिकों, युवाओं और रोजगार के क्षेत्र में ठोस परिणाम सामने आ सकें।
बैठक को संबोधित करते हुए श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार द्वारा संचालित श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं का वृहद स्तर पर (Mass Publicity) सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद मुख्यालयों, तहसील और विकासखंड स्तर के साथ-साथ बस स्टेशनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्स, स्टैंडी और बैनर के माध्यम से योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाए, ताकि पात्र श्रमिक और उनके परिजन सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।
मंत्री राजभर ने यह भी कहा कि सरकार के (Manifesto Commitments) के अनुरूप विभागीय कार्यों को हर हाल में निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। यदि किसी स्तर पर कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसे तत्काल उनके संज्ञान में लाया जाए, जिससे समय रहते समाधान किया जा सके। उन्होंने विशेष रूप से वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश को (Child Labour Free State) बनाने के सरकार के संकल्प पर बल दिया और अधिकारियों से इस दिशा में प्रभावी और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान श्रम मंत्री ने जनपदों में स्थापित (Labour Addas) के समुचित विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर श्रमिकों के लिए पेयजल, छांव और मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही सराय योजना को और गति देने तथा शीघ्र शिलान्यास कराने पर भी बल दिया गया, जिससे श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में मंत्री राजभर ने श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग ने बीते समय में कई (Records and Achievements) अपने नाम किए हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सहित सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी तथा भविष्य में और अधिक तेजी व समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आगामी दो वर्षों की कार्ययोजना के अंतर्गत श्रम विभाग ने कारखानों के (Factory Registration) को और अधिक सरल एवं प्रभावी बनाने पर सहमति व्यक्त की। योजना के अनुसार अधिक से अधिक अपंजीकृत कारखानों को पंजीकरण के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए श्रमिक संख्या के आधार पर आवश्यक संशोधनों पर भी चर्चा हुई। साथ ही कारखानों में कार्यरत महिला कर्मकारों को (Sanitary Napkin Facility) उपलब्ध कराने, दंड प्रावधानों के (Decriminalization) और सुरक्षा एवं स्वास्थ्य मानकों को मजबूत करने जैसे विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
सेवायोजन विभाग की कार्ययोजना में उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अंतर्गत देश और विदेश में रोजगार के अवसरों के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया। प्रतिष्ठित कंपनियों को (Empanelment) के माध्यम से जोड़ने, विदेश मंत्रालय द्वारा पंजीकृत रिक्रूटमेंट एजेंसियों के सहयोग से रिक्तियों का एकीकरण करने तथा अभ्यर्थियों को जापानी, जर्मन और अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषाओं का (Language Training) प्रदान करने का लक्ष्य तय किया गया। इस योजना के अंतर्गत 50 हजार युवाओं को भाषा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्ययोजना में विभिन्न देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर (Global Employment Opportunities) तलाशने, विभागीय प्रतिनिधिमंडलों द्वारा विदेशों में इंडस्ट्री कोलैबोरेशन और एमओयू करने, लखनऊ में इंटीग्रेटेड फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना और सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। इसके माध्यम से अगले दो वर्षों में लगभग 6 लाख युवाओं को देश में और 50 हजार युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई, जिनमें निर्माण श्रमिकाओं के लिए (Health Support Scheme), मोबाइल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, जीआईएस सर्वेक्षण, श्रमिकों के बच्चों के लिए आधुनिक पुस्तकालय, छात्रावास सुविधा और न्यूनतम दरों पर पुष्टाहार उपलब्ध कराने जैसी योजनाएं प्रमुख रहीं।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश में 12 नए (ESIC Dispensary) और 5 नए कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इनमें प्रयागराज, वाराणसी, अलीगढ़, फतेहपुर, सोनभद्र सहित कई जनपद शामिल हैं, जहां स्वीकृति के बाद कार्यवाही प्रगति पर है।
बैठक के अंत में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. एम. के. शन्मुगा सुन्दरम ने मंत्रीगणों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में विभाग श्रमिकों और युवाओं के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करता रहेगा। बैठक में विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





