सीएम योगी के विजन से बदली ग्रामीण महिलाओं की तस्वीर, आत्मनिर्भर बन झांसी की रंजना हर साल कमा रहीं 2.5 लाख रुपये

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और ग्रामीण आजीविका से जुड़ी योजनाओं का प्रभाव अब जमीन पर साफ नजर आने लगा है। प्रदेश के गांवों में महिलाएं केवल घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर (Self-Reliant) बनकर परिवार की आर्थिक रीढ़ बन रही हैं। झांसी जिले के डिगारा गांव की रंजना गौतम की कहानी इसी बदलाव का जीवंत उदाहरण है, जो यह दर्शाती है कि सही नीति, प्रशिक्षण और सरकारी सहयोग मिलने पर ग्रामीण महिलाएं (Rural Women) भी सफलता की नई इबारत लिख सकती हैं।
झांसी के डिगारा गांव निवासी 24 वर्षीय रंजना गौतम का जीवन उस समय अचानक बदल गया, जब एक गंभीर सड़क दुर्घटना (Accident) में उनके पति काम करने में असमर्थ हो गए। परिवार की आय का एकमात्र स्रोत बंद हो गया और घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ इलाज का बोझ भी बढ़ गया। ऐसी विषम परिस्थितियों में जहां अक्सर परिवार टूट जाता है, वहीं रंजना ने हालात से हार मानने के बजाय संघर्ष का रास्ता चुना और परिवार को संभालने का निर्णय लिया।

रंजना ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Uttar Pradesh State Rural Livelihood Mission) के तहत स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त किया। योगी सरकार (Yogi Government) की योजनाओं के माध्यम से उन्हें न केवल स्वरोजगार (Self Employment) की जानकारी मिली, बल्कि बैंक से ऋण (Bank Loan) लेने में भी सहायता प्रदान की गई। इसी सहयोग के बल पर रंजना ने गांव में हार्डवेयर रिटेल व्यवसाय (Hardware Retail Business) की शुरुआत की, जो ग्रामीण क्षेत्र में एक साहसिक और नया कदम था।
शुरुआती दिनों में रंजना के लिए घर, पति की देखभाल और नए व्यवसाय को एक साथ संभालना आसान नहीं था। सीमित संसाधन, बाजार की जानकारी का अभाव और सामाजिक दबाव जैसी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन सरकारी प्रशिक्षण (Training), मार्केटिंग की समझ (Marketing Skills) और नई तकनीक (New Technology) की जानकारी ने उन्हें मजबूती दी। धीरे-धीरे रंजना का व्यवसाय चल निकला और आज उनकी मासिक आय (Monthly Income) करीब 20 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है, जबकि वार्षिक आय (Annual Income) लगभग 2.5 लाख रुपये हो गई है।
रंजना की सफलता केवल व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं रही। उन्होंने अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार (Employment) से जोड़ना शुरू किया। आज कई ग्रामीण महिलाएं उनके साथ काम कर रही हैं और नियमित आय अर्जित कर रही हैं। इससे गांव में महिलाओं की आर्थिक स्थिति (Economic Status) में सुधार हुआ है और आत्मविश्वास (Confidence) भी बढ़ा है। रंजना की कमाई से बच्चों की शिक्षा (Education), घर का खर्च और भविष्य की आवश्यकताएं पूरी हो रही हैं, जिससे परिवार का जीवन स्तर (Living Standard) बेहतर हुआ है।
उप्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि सरकार का लक्ष्य लखपति दीदियों (Lakhpati Didi) को आगे बढ़ाकर करोड़पति दीदियां बनाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन (Vision) के तहत महिलाओं को हुनर, बाजार और तकनीक से जोड़ा जा रहा है। रंजना जैसी महिलाएं इस बात का प्रमाण हैं कि योजनाएं सही दिशा में लागू हों तो उनका प्रभाव समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता है।
रंजना गौतम की कहानी बदलते उत्तर प्रदेश (Changing Uttar Pradesh) की पहचान बन रही है, जहां ग्रामीण महिलाएं अब किसी पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि वे स्वयं निर्णय लेने और परिवार व समाज को दिशा देने में सक्षम हो रही हैं। यह कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि उस नए ग्रामीण भारत (New Rural India) की है, जहां महिलाएं सशक्त होकर आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की नींव मजबूत कर रही हैं।
सरकारी योजनाओं, प्रशिक्षण और दृढ़ इच्छाशक्ति के संगम से आज रंजना जैसी महिलाएं साबित कर रही हैं कि अगर अवसर मिले, तो गांव की महिलाएं भी आर्थिक विकास (Economic Growth) और सामाजिक बदलाव (Social Change) की अगुवा बन सकती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का यह अभियान लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है।





