जी राम जी विधेयक पर केंद्र-राज्य समन्वय की बड़ी पहल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य वर्चुअल बैठक में हुए शामिल, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की अध्यक्षता

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : जी राम जी विधेयक (GRAM G Bill) को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक (Virtual Meeting) का आयोजन किया गया। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी ने सहभागिता की, जबकि बैठक की अध्यक्षता मा. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा की गई। यह बैठक 20 दिसंबर 2025 को रात्रि 09.00 बजे आयोजित हुई, जिसमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी लखनऊ स्थित सात कालिदास सरकारी आवास (Seven Kalidas Government Residence) से वर्चुअल माध्यम के जरिए जुड़े।
बैठक के दौरान जी राम जी विधेयक से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत और गंभीर चर्चा की गई। विधेयक के उद्देश्य (Objective of the Bill), इसके सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव (Administrative and Social Impact) तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन (Effective Implementation) को लेकर सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने विचार साझा किए। इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि विधेयक केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित न रहे, बल्कि उसका वास्तविक लाभ जमीनी स्तर (Ground Level) तक स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि जी राम जी विधेयक से जुड़े सभी प्रावधानों को व्यवहारिक रूप से लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी नीति या कानून की सफलता उसके क्रियान्वयन पर निर्भर करती है और यदि इसे सही ढंग से लागू किया जाए तो यह आमजन (Common People) के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के साथ मिलकर विधेयक के उद्देश्यों को साकार करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेंगी।
केशव प्रसाद मौर्य जी ने यह भी कहा कि विधेयक के क्रियान्वयन के दौरान स्थानीय स्तर की चुनौतियों (Local Challenges) को समझना बेहद जरूरी है। प्रशासनिक तंत्र (Administrative Machinery) को इस प्रकार सशक्त बनाया जाना चाहिए कि वह पारदर्शिता (Transparency), जवाबदेही (Accountability) और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर सके। उन्होंने अधिकारियों से यह अपेक्षा भी जताई कि वे आम नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुनें और उनका समाधान सुनिश्चित करें।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे मा. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने अपने संबोधन में कहा कि जी राम जी विधेयक को मजबूत और जनहितकारी (Public-Oriented) बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों के सुझाव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) का लक्ष्य एक ऐसा विधायी ढांचा तैयार करना है, जो विकास (Development), सुशासन (Good Governance) और सामाजिक संतुलन (Social Balance) को बढ़ावा दे सके। इस दिशा में राज्यों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
शिवराज सिंह चौहान जी ने कहा कि जी राम जी विधेयक के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय (Coordination) और निरंतर संवाद (Continuous Dialogue) आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे विधेयक के प्रावधानों को सरल और स्पष्ट रूप में जनता तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान (Awareness Campaign) चलाएं, ताकि आम लोग इसके लाभों को सही ढंग से समझ सकें।
बैठक में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि (State Representatives) और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी (Senior Government Officials) वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे। सभी ने अपने राज्यों में विधेयक के संभावित प्रभावों, प्रशासनिक तैयारियों और भविष्य की कार्ययोजनाओं (Future Action Plan) पर चर्चा की। अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया कि विधेयक के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा (Regular Review) की जानी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की कमी को समय रहते दूर किया जा सके।
इस दौरान तकनीकी सहयोग (Technical Support), प्रशिक्षण (Training) और निगरानी तंत्र (Monitoring System) को मजबूत करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। यह माना गया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर विधेयक के क्रियान्वयन को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सकता है। बैठक में यह भी सहमति बनी कि केंद्र स्तर पर तैयार दिशा-निर्देशों (Guidelines) को राज्यों की परिस्थितियों के अनुरूप लागू किया जाएगा।
बैठक के समापन पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की वर्चुअल बैठकों के माध्यम से नीति निर्माण (Policy Making) और उसके क्रियान्वयन को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी राज्यों के सहयोग से जी राम जी विधेयक देश के विकास और जनकल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कुल मिलाकर, यह वर्चुअल बैठक केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय का एक सशक्त उदाहरण रही, जिसमें जी राम जी विधेयक को प्रभावी, व्यावहारिक और जनोपयोगी बनाने की साझा प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से देखने को मिली।





