आरा संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन,

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

आरा शहर के शुभ नारायण नगर, मझौंवा स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय परिसर में सोमवार को भव्य विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि बक्सर विधायक एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में शिक्षा, प्रशासन, समाजसेवा और सेना से जुड़े कई गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वीकेएसयू के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव भाई ब्रम्हेश्वर, बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा, कर्नल राणा प्रताप सिंह, एम.एम. महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार पालित, पूर्व प्रधानाध्यापक राजेन्द्र सिंह परिहार, विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र एवं प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा ने की, जबकि संचालन वरीय शिक्षक अरविंद कुमार ओझा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत से हुई।

विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी अतिथियों का पारंपरिक तरीके से अंगवस्त्र, पौधा एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात अतिथियों ने छात्रों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने अपने-अपने मॉडल के माध्यम से विज्ञान एवं तकनीक से जुड़े विषयों की विस्तृत जानकारी दी, जिसे देखकर अतिथि अत्यंत प्रभावित नजर आए।

मुख्य अतिथि बक्सर विधायक आनंद मिश्रा (पूर्व आईपीएस) ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन वास्तव में गौरवपूर्ण है। छात्रों द्वारा प्रस्तुत मॉडल न केवल उनकी वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को दर्शाते हैं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ की भावना की भी झलक देते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान अगर योग्य और सकारात्मक सोच वाले हाथों में हो, तो वह विकास का मार्ग प्रशस्त करता है, जबकि गलत हाथों में यह विनाश का कारण बन सकता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखें और हर परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

वीकेएसयू के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि यह विद्यालय विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ-साथ संवेदनशील और विकसित सोच प्रदान कर रहा है। उन्होंने शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखते हुए जीवन मूल्यों से जोड़ने पर बल दिया। वहीं बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव भाई ब्रम्हेश्वर ने कहा कि विद्यालय के छात्रों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता सराहनीय है।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा ने कहा कि इस विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यहां शिक्षा कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों के प्रयोग, प्रयास और नवाचार में झलकती है। स्वागत भाषण में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने वैश्विक समस्याओं को पोस्टर, प्रोजेक्ट, मॉडल एवं वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।

विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने जानकारी दी कि इस विज्ञान प्रदर्शनी के लिए लगभग 800 छात्र-छात्राओं ने अपने प्रोजेक्ट, पोस्टर और मॉडल विद्यालय में जमा किए थे। इनमें से विज्ञान एवं कला शिक्षकों द्वारा चयनित लगभग 500 उत्कृष्ट प्रोजेक्ट, मॉडल एवं मशीनरी उपकरणों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य छात्रों, अभिभावकों एवं आम लोगों में वैज्ञानिक सोच के प्रति जागरूकता पैदा करना है।

प्रदर्शनी में छात्रों द्वारा हाइड्रोइलेक्ट्रिक सिस्टम, ग्लोबल वार्मिंग, स्मार्ट सिटी, विंड एनर्जी, ऑटोमेटिक डस्टबिन, एयर पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम, डिजास्टर मैनेजमेंट, वॉइस कंट्रोल कार, वेस्ट मैटेरियल से बिजली उत्पादन, सोलर सिस्टम, सोलर पावर, वाटर साइकिल, विंड मिल एवं वोल्केनो इरप्शन जैसे विषयों पर आधारित आकर्षक मॉडल प्रस्तुत किए गए, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान कर मेडल और प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया। सम्मान वितरण विद्यालय के निदेशक, प्राचार्या एवं आगत अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक वर्धन, नगर रामलीला समिति ट्रस्ट के ट्रस्टी राम कुमार सिंह, अवधेश कुमार पांडेय, मनोज सिंह, अखिलानंद ओझा, शंभू चौरसिया, जितेंद्र पांडेय, राकेश कुमार धन्नू सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में उप-प्राचार्य ऋषिकेश ओझा, विज्ञान शिक्षक चंद्रकांत उपाध्याय, ब्रजेश तिवारी, एस.के. द्विवेदी, मिथिलेश सिंह, राजेश रमण, कला शिक्षक विष्णु शंकर, संजीव सिन्हा, संगीत शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह, अमितेश रंजन, दीपेश कुमार एवं महेश शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के साथ हुआ।

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