माघमेला 2025: श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, भीड़ प्रबंधन का विस्तृत रोडमैप तैयार

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
प्रयागराज के संगम तट पर 3 जनवरी से शुरू होने जा रहे माघ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता तय की गई है। अनुमानित 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए माघ मेला प्रशासन, उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UP Disaster Management Authority) और अन्य सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा एवं प्रबंधन का विस्तृत रोडमैप (Road Map) तैयार कर लिया है। अब इस कार्ययोजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से शुरू की जा रही है।
माघ मेला 2025 को अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए पहुंचेंगे। इतनी विशाल संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही भीड़ प्रबंधन (Crowd Management), आपदा नियंत्रण (Disaster Management) और आपातकालीन प्रतिक्रिया (Emergency Response) को लेकर गंभीर तैयारी शुरू कर दी है। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय को प्राथमिकता दी जा रही है।
इसी क्रम में न्यू कैंट स्थित सदर के कोबरा ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय सिंपोजियम एवं टेबलटॉप एक्सरसाइज (Table Top Exercise) मंगलवार को संपन्न हुई। इस दौरान माघ मेला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग, जल पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने आपसी समन्वय, अनुभवों और पूर्व आयोजनों से मिले निष्कर्षों पर विस्तृत मंथन किया। इस विचार-विमर्श के दौरान सामने आए सुझावों और रणनीतियों को अब वास्तविक अभ्यास के जरिए लागू करने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) योगेंद्र डिमरी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा (Pilgrim Safety) प्रशासन की पहली और सर्वोच्च जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी सुरक्षा से जुड़े स्टेक होल्डर्स (Stakeholders) के बीच मजबूत समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भीड़ प्रबंधन के लिए होल्डिंग एरिया (Holding Area), प्रमुख चौराहों और आवागमन मार्गों की उपलब्धता पर विशेष नजर रखी जाएगी। भीड़ की गतिशीलता (Crowd Movement) और संभावित जोखिम कारकों (Risk Factors) का लगातार विश्लेषण किया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी ने यह भी स्पष्ट किया कि अक्सर हम अपनी ताकत और संसाधनों पर ध्यान देते हैं, लेकिन सबसे कमजोर कड़ी (Weakest Link) की पहचान और उस पर काम करना भी उतना ही जरूरी है। सभी पहलुओं पर गंभीर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अब मॉक ड्रिल (Mock Drill) और व्यावहारिक एक्सरसाइज के माध्यम से तैयारियों को परखा जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके।
प्रयागराज की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने जानकारी दी कि माघ मेले से जुड़ी सुरक्षा तैयारियों की मॉक ड्रिल और अभ्यास 27 दिसंबर से शुरू कर दिए जाएंगे। इन अभ्यासों के दौरान अग्निशमन व्यवस्था (Fire Safety), जल सुरक्षा (Water Safety), भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन निकासी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की गहन समीक्षा की जाएगी। मॉक ड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विभाग वास्तविक स्थिति में समन्वय के साथ कार्य कर सकें।
प्रशासन का मानना है कि समय रहते की गई योजना, तकनीकी सहायता, प्रशिक्षित मानव संसाधन और एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से माघ मेले को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। माघ मेला 2025 न केवल आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि सुरक्षा और प्रबंधन के दृष्टिकोण से भी एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।





