अलाव के लिए सूखा पेड़ काटने पर वन विभाग की सख्ती, ग्रामीणों को दौड़ाया, युवक की गिरफ्तारी के बाद मारपीट का आरोप, 50 हजार का जुर्माना

Report By : राहुल मौर्य, रामपुर
रामपुर जनपद के मसवासी क्षेत्र से एक बार फिर वन विभाग (Forest Department) की कार्रवाई को लेकर हड़कंप मचाने वाला मामला सामने आया है। मिलक भूबरी ग्राम पंचायत में ठंड से बचाव के लिए अलाव (Bonfire) जलाने हेतु सड़क किनारे खड़े सूखे सरकारी पेड़ (Dry Government Tree) को काट रहे ग्रामीणों पर वन विभाग की टीम ने छापेमारी करते हुए सख्त कार्रवाई की। इस दौरान एक युवक को मौके से पकड़ लिया गया, जबकि उसके अन्य साथी भागने में सफल रहे। घटना के बाद युवक के साथ मारपीट के आरोप लगे हैं और वन विभाग द्वारा पचास हजार रुपये का जुर्माना (Fine) वसूले जाने की बात सामने आई है, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार, मिलक भूबरी ग्राम पंचायत के ग्रामीण इन दिनों बढ़ती ठंड (Cold Wave) से परेशान हैं। पिछले दो दिनों से सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। ठंड से बचाव के लिए गांव में अलाव जलाने की तैयारी की जा रही थी। इसी क्रम में मंगलवार की शाम ग्रामीण टांडा-बाजपुर मार्ग (Tanda-Bajpur Road) के किनारे खड़े एक सूखे पेड़ को काटने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ पहले से सूखा हुआ था और उसका उपयोग केवल अलाव के लिए किया जा रहा था।
ग्रामीणों के मुताबिक जैसे ही उन्होंने पेड़ की जड़ पर आरा (Saw) चलाया, तभी वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। अचानक हुई कार्रवाई से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। वन विभाग की टीम को देखकर कुछ ग्रामीण मौके से भाग निकले, लेकिन गांव निवासी अकील अहमद (Akeel Ahmad) को टीम ने पकड़ लिया। इसके बाद उसे अपने साथ ले जाया गया, जहां कथित तौर पर उसके साथ मारपीट (Assault) किए जाने का आरोप लगाया गया है।
ग्रामीण फरीद अहमद, रिसालत हुसैन, यूसुफ अली समेत अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की टीम ने रात के अंधेरे (Night Hours) में अकील अहमद को पेड़ से बांधकर पीटा, जिससे उसकी हालत खराब हो गई। आरोप है कि इसके बाद उसे पुलिस चौकी (Police Outpost) ले जाया गया, जहां काफी देर तक ग्रामीणों और वन कर्मियों के बीच तीखी बहस (Heated Argument) होती रही। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण बना रहा और बड़ी संख्या में ग्रामीण चौकी पर एकत्र हो गए।
ग्रामीणों का कहना है कि वन दरोगा कुलदीप सिंह (Forest Ranger Kuldeep Singh) ने युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही, लेकिन बाद में वरिष्ठ अधिकारियों (Senior Officers) के निर्देश पर कानूनी कार्रवाई की बजाय जुर्माना वसूली का रास्ता अपनाया गया। बताया जा रहा है कि वन विभाग ने वन अधिनियम (Forest Act) के तहत कार्रवाई करते हुए पचास हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित किया और रात में ही यह राशि वसूल की गई।
जुर्माने की भारी रकम सुनते ही गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का आरोप है कि ठंड के मौसम में अलाव जलाने जैसे मानवीय जरूरत (Basic Human Need) के लिए सूखा पेड़ काटने पर इतनी बड़ी कार्रवाई करना अनुचित है। उनका कहना है कि अगर यह अपराध था तो कानूनी प्रक्रिया (Legal Procedure) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, न कि कथित रूप से मारपीट और दबाव बनाकर जुर्माना वसूला जाना चाहिए।
वहीं, वन दरोगा कुलदीप सिंह ने युवक के साथ मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम ने नियमानुसार कार्रवाई की है और किसी भी प्रकार की हिंसा (Violence) नहीं की गई। उनका कहना है कि सरकारी पेड़ काटना अपराध है और उसी के तहत जुर्माना लगाया गया है। वन विभाग का दावा है कि जंगल और सरकारी संपत्ति (Government Property) की सुरक्षा के लिए इस तरह की सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
पुलिस चौकी इंचार्ज अजय कुमार शुक्ला (Outpost In-charge Ajay Kumar Shukla) ने बताया कि वन विभाग द्वारा जुर्माना कार्रवाई पूरी किए जाने के बाद युवक को रात में ही छोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से कोई अलग मामला दर्ज नहीं किया गया और स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से संभाल लिया गया।
फिलहाल इस पूरे घटनाक्रम के बाद मिलक भूबरी गांव और आसपास के इलाकों में डर और नाराजगी (Fear and Anger) का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वे ठंड से बचने के लिए मजबूरन अलाव जलाते हैं, लेकिन अब उन्हें डर सता रहा है कि कहीं छोटी सी जरूरत भी भारी जुर्माने और कार्रवाई का कारण न बन जाए। दूसरी ओर, वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी सरकारी पेड़ों की कटाई पर सख्ती जारी रहेगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।





