एस.एन. मेमोरियल स्कूल में संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

आरा शहर के गौसगंज (गांगी) स्थित एस.एन. मेमोरियल स्कूल में मैरी क्रिसमस एवं तुलसी पूजन का भव्य, प्रेरणादायक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध आयोजन संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक सौहार्द और आपसी भाईचारे का सशक्त संदेश देता नजर आया, बल्कि इसने यह भी सिद्ध किया कि आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय परंपराओं का समन्वय आज की नई पीढ़ी को सशक्त दिशा प्रदान कर सकता है।

कार्यक्रम में बड़हरा विधायक राघवेन्द्र प्रताप एवं पूर्व विधायिका श्रीमती आशा देवी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विद्यालय की संचालिका डॉ. स्मिता सिंह ने दोनों अतिथियों का अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। मंच पर उपस्थित अतिथियों और विद्यालय प्रबंधन के सदस्यों की गरिमामयी मौजूदगी ने आयोजन की शोभा को और बढ़ा दिया।

तुलसी पूजन से हुई कार्यक्रम की पावन शुरुआत
समारोह की शुरुआत डॉ. स्मिता सिंह के नेतृत्व में मुख्य अतिथियों एवं विद्यालय प्रबंधन द्वारा तुलसी पूजन के साथ की गई। इस अवसर पर विद्यालय परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक भावनाओं से सराबोर दिखा। यह दृश्य इस बात का प्रतीक बना कि एस.एन. मेमोरियल स्कूल शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को भी समान महत्व देता है और भारतीय संस्कृति की जड़ों से बच्चों को जोड़े रखने के लिए सतत प्रयासरत है।

विधायक राघवेन्द्र प्रताप के प्रेरक उद्बोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक राघवेन्द्र प्रताप ने भावुक शब्दों में विद्यालय की संचालिका डॉ. स्मिता सिंह की प्रशंसा की। उन्होंने उन्हें अपनी पुत्री के समान बताते हुए कहा—
“आज के इस दौर में शाहाबाद और भोजपुर ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में शिक्षा और संस्कृति को एक साथ लेकर चलने वाली प्रथम स्कूल संचालिका डॉ. स्मिता सिंह हैं। जिस प्रकार यह विद्यालय संस्कार, रोजगार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की रोशनी फैला रहा है, उस पर हमें गर्व की अनुभूति हो रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि एस.एन. मेमोरियल स्कूल बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। यही शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है।

बच्चों से संवाद और फूड फेस्ट का अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान विधायक राघवेन्द्र प्रताप ने बच्चों द्वारा लगाए गए फूड फेस्ट और अन्य स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यार्थियों से सीधा संवाद करते हुए जीवनशैली, स्वरोजगार, कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डाला। बच्चों द्वारा तैयार किए गए व्यंजनों का स्वाद चखते हुए उन्होंने उनके प्रयासों की खुले दिल से सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देते हैं।

मैरी क्रिसमस पर उल्लास का माहौल
तुलसी पूजन के पश्चात मैरी क्रिसमस के अवसर पर मुख्य अतिथियों द्वारा केक काटा गया। इस दौरान विद्यालय परिसर में खुशियों, मुस्कान और उत्साह का माहौल देखने को मिला। बच्चों ने क्रिसमस से जुड़े गीतों और प्रस्तुतियों के माध्यम से सभी का मन मोह लिया।

पूर्व विधायिका आशा देवी का भावुक संबोधन
पूर्व विधायिका श्रीमती आशा देवी ने बच्चों को संबोधित करते हुए पारंपरिक पर्वों और भारतीय मूल्यों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने उस क्षण की विशेष सराहना की जब कक्षा 10 के विद्यार्थियों ने उन्हें अपने हाथों से चाय परोसी। इस पर उन्होंने भावुक होकर कहा—
“ये छोटे-छोटे प्रयास बच्चों के व्यक्तित्व को निखारते हैं और यह दर्शाते हैं कि वे कर्मठ, हुनरमंद और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं। यही सच्ची और व्यावहारिक शिक्षा है।”

बच्चों की प्रतिभा ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा रोबोटिक साइंस, विज्ञान आधारित मॉडल, क्रिएटिव आर्ट्स, हस्तशिल्प और विभिन्न कौशल आधारित प्रस्तुतियों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रस्तुतियों ने अतिथियों, अभिभावकों और उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की सोच, नवाचार और आत्मविश्वास ने यह स्पष्ट कर दिया कि विद्यालय में उन्हें समग्र विकास के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं।

मनोरंजन और रचनात्मकता का संगम
विद्यालय परिसर में बच्चों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉल, फूड फेस्ट, मनोरंजन झूले, मिकी माउस जैसे आकर्षण बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। पूरे दिन विद्यालय परिसर उत्सव स्थल में तब्दील नजर आया, जहां शिक्षा, संस्कृति और मनोरंजन का सुंदर संगम देखने को मिला।

आभार एवं समापन
समारोह के अंत में विद्यालय प्रबंधन की ओर से सभी अतिथियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया गया। प्रबंधन ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास, सांस्कृतिक चेतना और आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एस.एन. मेमोरियल स्कूल का यह आयोजन निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्पद उदाहरण बनकर उभरा, जहां परंपरा और आधुनिकता एक साथ कदमताल करती नजर आई।

Related Articles

Back to top button