मसवासी में बीएलओ पर मतदाता सूची से नाम हटाने का गंभीर आरोप, पीड़ित ने जिलाधिकारी से की जांच व कार्रवाई की मांग

Report By : राहुल मौर्य

मसवासी रामपुर : क्षेत्र के गांव सीतारामपुर से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक ग्रामीण ने बीएलओ (BLO) पर मतदाता सूची (Voter List) से रंजिशन नाम हटाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी (District Magistrate) को लिखित शिकायत भेजी है। पीड़ित ग्रामीण का आरोप है कि स्थानीय ग्राम प्रधान और उसके पति के इशारे पर बीएलओ ने न केवल उसका, बल्कि उसके पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से काट दिया, जिससे उसके संवैधानिक अधिकारों (Constitutional Rights) का हनन हुआ है।

गांव सीतारामपुर निवासी अमित कुमार सैनी ने जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि भूबरा मुस्तहकम के मजरा सीतारामपुर में तैनात बीएलओ जितेंद्र कुमार ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण (Voter List Revision) के दौरान यह कार्रवाई की। शिकायतकर्ता के अनुसार, यह कदम किसी प्रशासनिक त्रुटि के कारण नहीं, बल्कि राजनीतिक रंजिश (Political Rivalry) के तहत उठाया गया है। अमित कुमार सैनी का कहना है कि वह ग्राम प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी (Gram Pradhan Candidate) हैं और इसी कारण वर्तमान ग्राम प्रधान चंपा देवी व उनके पति तेजपाल सिंह उर्फ राजू सैनी उनसे रंजिश रखते हैं।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि ग्राम प्रधान पति के कथित दबाव और इशारे पर बीएलओ ने जानबूझकर मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया। इतना ही नहीं, उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी सूची से काट दिए गए, जिससे पूरा परिवार मतदान के अधिकार (Right to Vote) से वंचित हो गया। पीड़ित का आरोप है कि यह पूरी कार्रवाई नियमों (Rules) और चुनाव आयोग (Election Commission) के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध की गई है।

अमित कुमार सैनी ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इस संबंध में बीएलओ जितेंद्र कुमार से संपर्क कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई, तो बीएलओ ने न केवल उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया, बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार (Misbehavior) और गाली-गलौज (Abusive Language) भी की। आरोप है कि बीएलओ ने साफ शब्दों में नाम दोबारा जोड़ने से इनकार कर दिया और किसी भी प्रकार की सुनवाई करने से मना कर दिया।

पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि मतदाता सूची से नाम हटाया जाना केवल एक प्रशासनिक मामला नहीं, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया (Democratic Process) को प्रभावित करने वाला गंभीर विषय है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच (Fair Inquiry) कराई जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित बीएलओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) की जाए। साथ ही, उन्होंने अपने और अपने परिवार के नाम तत्काल मतदाता सूची में पुनः शामिल कराने की भी मांग की है।

स्थानीय ग्रामीणों में इस घटना को लेकर चर्चा का माहौल बना हुआ है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस प्रकार राजनीतिक दबाव में मतदाता सूची से नाम काटे जाएंगे, तो इससे पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं।

फिलहाल, यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में है और उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला न केवल संबंधित बीएलओ, बल्कि पंचायत स्तर पर हो रहे कथित हस्तक्षेपों पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है। अब सभी की नजरें प्रशासनिक कार्रवाई (Administrative Action) पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन कितना तत्पर है।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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