कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद तलब, विवादित तस्वीर पर मांगा जवाब
5 जनवरी 2026 को श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर देना होगा व्यक्तिगत स्पष्टीकरण

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
पंजाब की सियासत और धार्मिक मर्यादाओं से जुड़ा एक संवेदनशील मामला सामने आया है। (Punjab News) राज्य के कैबिनेट मंत्री एवं पर्यटन मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद को सिख धर्म की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) ने तलब किया है। यह तलब एक विवादित तस्वीर (Controversial Image) को लेकर किया गया है, जिसने सिख संगठनों और धार्मिक हलकों में नाराज़गी पैदा कर दी है।
5 जनवरी 2026 को पेश होना अनिवार्य
श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से जारी आदेश के अनुसार, मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद को 5 जनवरी 2026 को सुबह 10 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण देना होगा। (Personal Appearance) अकाल तख्त ने स्पष्ट किया है कि यह मामला सिख मर्यादाओं और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
क्या है विवाद की वजह?
मिली जानकारी के अनुसार, मंत्री से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसे लेकर यह आरोप लगाया गया कि वह सिख धार्मिक परंपराओं और मर्यादा के अनुरूप नहीं है। (Social Media Controversy) इसके बाद विभिन्न सिख संगठनों और धार्मिक प्रतिनिधियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और अकाल तख्त से कार्रवाई की मांग की।
अकाल तख्त की भूमिका और महत्व
श्री अकाल तख्त साहिब सिख धर्म की सर्वोच्च धार्मिक अदालत मानी जाती है। (Supreme Sikh Authority) यहां से जारी आदेशों को सिख समुदाय में अत्यंत सम्मान और गंभीरता के साथ देखा जाता है। किसी भी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को तलब किया जाना यह दर्शाता है कि मामला साधारण नहीं, बल्कि धार्मिक मर्यादा से जुड़ा है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटनाक्रम के बाद पंजाब की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। (Punjab Politics) विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
मंत्री की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद की ओर से कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सार्वजनिक नहीं की गई है। (Official Response Awaited) सभी की नजरें 5 जनवरी 2026 पर टिकी हैं, जब वह अकाल तख्त साहिब में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
धार्मिक मर्यादा बनाम सार्वजनिक जीवन
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं को धार्मिक मर्यादाओं और संवेदनशीलताओं का कितना ध्यान रखना चाहिए। (Religious Sensitivity) सिख समाज में इस प्रकरण को लेकर गहरी चर्चा चल रही है।
अकाल तख्त का स्पष्ट संदेश
धार्मिक मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या असंवेदनशीलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा—अकाल तख्त का यह कदम इसी संदेश के रूप में देखा जा रहा है





