अगर 2026 में पाकिस्तान से जंग हुई तो भारत कैसे देगा जवाब? सैन्य रणनीति से लेकर ऑपरेशन तक तैयार देश

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने यह साफ कर दिया कि आतंक और उसकी सरपरस्त ताकतों के खिलाफ भारत अब सख्त नीति पर चल रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर 2026 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ, तो भारतीय सेना किस रणनीति और ताकत के साथ मुकाबला करेगी।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चर्चा में है। इसी साल भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर स्पष्ट संदेश दे दिया था कि अब भारत केवल निंदा तक सीमित नहीं रहेगा। ऐसे हालात में रक्षा विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि यदि 2026 में भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध (Full-Scale War) की स्थिति बनती है, तो भारत किस तरह से इसका सामना करेगा।

भारतीय सेना (Indian Army) पिछले कुछ वर्षों में रणनीतिक और तकनीकी रूप से काफी मजबूत हुई है। सीमा पर तैनात सैनिकों के पास अब आधुनिक हथियार, एडवांस सर्विलांस सिस्टम और रियल टाइम इंटेलिजेंस (Real-Time Intelligence) मौजूद है। LAC और LOC पर सेना की तैनाती को पहले से कहीं अधिक मजबूत किया गया है, जिससे किसी भी घुसपैठ या हमले का तुरंत जवाब दिया जा सके।

वायुसेना (Indian Air Force) की बात करें तो राफेल (Rafale) जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाते हैं। इसके अलावा स्वदेशी तेजस (Tejas) और अपग्रेडेड सुखोई-30 MKI विमान किसी भी हवाई चुनौती से निपटने में सक्षम माने जाते हैं। एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल शील्ड और ड्रोन तकनीक (Drone Warfare) भारत को रणनीतिक बढ़त देती है।

समुद्री मोर्चे पर भारतीय नौसेना (Indian Navy) भी पूरी तरह तैयार है। अरब सागर में भारत की मजबूत उपस्थिति पाकिस्तान की सप्लाई लाइनों (Supply Lines) को प्रभावित कर सकती है। एयरक्राफ्ट कैरियर, परमाणु पनडुब्बियां और एडवांस वॉरशिप्स भारतीय नौसेना को निर्णायक बढ़त प्रदान करती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि समुद्री दबाव पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है।

साइबर वॉरफेयर (Cyber Warfare) और स्पेस टेक्नोलॉजी भी आने वाले युद्धों का अहम हिस्सा मानी जा रही है। भारत ने सैटेलाइट सर्विलांस, साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में बड़ी प्रगति की है। इससे दुश्मन के कम्युनिकेशन सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को बिना सीधे टकराव के नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

रणनीतिक रूप से भारत अब Defensive से Offensive Doctrine की ओर बढ़ चुका है। सीमित लेकिन सटीक कार्रवाई, आतंकी ठिकानों पर प्री-एम्पटिव स्ट्राइक (Pre-Emptive Strike) और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक दबाव भारत की नीति का हिस्सा बन चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका ताजा उदाहरण माना जा रहा है।

हालांकि रक्षा विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि भारत युद्ध को अंतिम विकल्प मानता है। प्राथमिकता शांति, कूटनीति (Diplomacy) और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के जरिए समाधान निकालने की रहती है। लेकिन अगर हालात युद्ध तक पहुंचते हैं, तो भारत सैन्य, तकनीकी और रणनीतिक रूप से पूरी तरह तैयार है।

कुल मिलाकर, 2026 में यदि पाकिस्तान के साथ जंग की स्थिति बनती है, तो भारत पहले से कहीं अधिक मजबूत, संगठित और आधुनिक क्षमताओं से लैस होकर मुकाबला करेगा। यह केवल हथियारों की नहीं, बल्कि रणनीति, इंटेलिजेंस और राष्ट्रीय संकल्प की भी लड़ाई होगी।

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