बंगाल चुनाव 2026 से पहले ममता बनर्जी का बड़ा दांव, कोलकाता में ‘दुर्गा आंगन’ का शिलान्यास

पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में ‘दुर्गा आंगन’ परियोजना का शिलान्यास किया। इस कदम को सांस्कृतिक आस्था और राजनीतिक संदेश, दोनों के तौर पर देखा जा रहा है।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनाव 2026 से पहले एक अहम पहल करते हुए कोलकाता में ‘दुर्गा आंगन’ परियोजना का शिलान्यास किया है। इस कार्यक्रम को राज्य की सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक आस्था से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी माहौल में एक मजबूत संदेश देने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।

‘दुर्गा आंगन’ परियोजना का उद्देश्य देवी दुर्गा और बंगाल की सांस्कृतिक परंपराओं (Cultural Heritage) को समर्पित एक स्थायी स्थल का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान कहा कि दुर्गा पूजा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि बंगाल की आत्मा है। यह परियोजना आने वाली पीढ़ियों को राज्य की सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का काम करेगी।

कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने यह भी संकेत दिया कि उनकी सरकार संस्कृति, आस्था और सामाजिक समरसता (Social Harmony) को समान महत्व देती है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा ने बंगाल को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है और ‘दुर्गा आंगन’ उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।

इस शिलान्यास को राजनीतिक नजरिए से भी अहम माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। ऐसे में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों से जुड़ी पहल को चुनावी रणनीति (Political Strategy) के तौर पर भी देखा जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह कदम चुनाव से पहले मतदाताओं को साधने का प्रयास है।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस का तर्क है कि यह परियोजना राजनीति से ऊपर है और इसका उद्देश्य केवल बंगाल की संस्कृति को संरक्षित करना है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी हमेशा से सांस्कृतिक आयोजनों और परंपराओं को बढ़ावा देती रही हैं, चाहे चुनाव हो या न हो।

स्थानीय लोगों और दुर्गा पूजा आयोजकों ने भी इस परियोजना का स्वागत किया है। उनका मानना है कि ‘दुर्गा आंगन’ से न केवल सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन (Tourism) को भी नई दिशा मिलेगी। इससे कोलकाता की पहचान और मजबूत होगी।

कुल मिलाकर, ‘दुर्गा आंगन’ का शिलान्यास पश्चिम बंगाल की राजनीति और संस्कृति के संगम के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पहल केवल सांस्कृतिक प्रतीक बनकर रहती है या चुनावी समीकरणों पर भी असर डालती है।

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