आज पुलिस अधीक्षक महोदय, भोजपुर द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र, नवीन पुलिस केन्द्र

संवाददाता: तारकेश्वर प्रसाद
भोजपुर का गहन एवं विस्तृत निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता तथा प्रशिक्षणार्थियों को दिए जा रहे व्यवहारिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करना था। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक महोदय ने केन्द्र के विभिन्न अनुभागों का भ्रमण कर प्रशिक्षण व्यवस्था का सूक्ष्म अवलोकन किया।
निरीक्षण के क्रम में पुलिस अधीक्षक महोदय ने बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे नवनियुक्त पुलिसकर्मियों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों के अनुभव, समस्याओं एवं अपेक्षाओं को गंभीरता से सुना तथा उन्हें पुलिस सेवा के दायित्वों और चुनौतियों से अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा कि पुलिस सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक जिम्मेदारी है, जिसे ईमानदारी, संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाना आवश्यक है।
अपने संबोधन में पुलिस अधीक्षक महोदय ने कार्य के प्रति निष्ठा, अनुशासन, व्यवहारिक दक्षता एवं विधिक ज्ञान के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि एक सफल पुलिसकर्मी के लिए कानून की गहरी समझ के साथ-साथ जनता के साथ सकारात्मक व्यवहार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पुलिसिंग में संवाद कौशल, निर्णय लेने की क्षमता तथा परिस्थितियों के अनुरूप त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई के महत्व को विस्तार से समझाया।
मॉडर्न पुलिसिंग की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय ने साइबर अपराध, तकनीकी अपराध, डिजिटल साक्ष्य, सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों तथा आधुनिक अपराध के बदलते स्वरूप पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अपराध के तरीके तेजी से बदल रहे हैं, ऐसे में पुलिसकर्मियों का तकनीकी रूप से दक्ष होना अनिवार्य है। साथ ही यातायात व्यवस्था, सड़क सुरक्षा, जन-जागरूकता एवं कानून के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़े विषयों पर भी प्रशिक्षणार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक महोदय ने प्रशिक्षण से जुड़े पदाधिकारियों एवं प्रशिक्षकों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को अधिक व्यवहारिक, अद्यतन एवं परिणामोन्मुखी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केवल औपचारिकता न होकर ऐसा होना चाहिए, जिससे नवनियुक्त पुलिसकर्मी भविष्य में आने वाली वास्तविक परिस्थितियों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें।
निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा प्रशिक्षण केन्द्र में संचालित जीविका दीदी की रसोइया मेस (भोजनालय) का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने भोजनालय में उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता, पौष्टिकता एवं स्वास्थ्य संबंधी मानकों का बारीकी से जायजा लिया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने रसोईघर की साफ-सफाई, भोजन तैयार करने की प्रक्रिया तथा सामग्री की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया, साथ ही आवश्यक सुधार के लिए सुझाव भी दिए।
पुलिस अधीक्षक महोदय ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रशिक्षणार्थियों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर प्रशिक्षण का आधार होता है। इस दृष्टि से संतुलित, पौष्टिक एवं स्वच्छ भोजन की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि भोजन की गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही न हो तथा नियमित रूप से स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मानकों की निगरानी की जाए।
समापन के दौरान पुलिस अधीक्षक महोदय ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण काल को आत्मविकास का अवसर मानते हुए वे अपने ज्ञान, कौशल और अनुशासन को निरंतर मजबूत करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रशिक्षित होकर निकलने वाले नवनियुक्त पुलिसकर्मी भविष्य में जिले एवं राज्य की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह निरीक्षण प्रशिक्षण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं गुणवत्ता पूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।





