अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से प्रदेशवासियों को मिला बड़ा लाभ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गिनाईं 2025 की उपलब्धियां
वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। नई स्वास्थ्य इकाइयों, आधुनिक तकनीक और जनहित योजनाओं से करोड़ों लोगों को सीधा लाभ मिला।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण से लेकर अत्याधुनिक इलाज सुविधाओं के विस्तार तक व्यापक कार्य किए गए, जिनका सीधा लाभ प्रदेश की करोड़ों जनता को मिला। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने दी।
डिप्टी सीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ (Accessible), सस्ती (Affordable) और गुणवत्तापूर्ण (Quality Healthcare) बनाने की दिशा में निरंतर कार्य हुआ है। वर्ष 2025 में Emergency Covid Relief Package (ECRP) के तहत स्वास्थ्य ढांचे को अभूतपूर्व मजबूती प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 83 नई स्वास्थ्य इकाइयों का लोकार्पण किया गया, जबकि सीतापुर में 200 बेड के जिला चिकित्सालय का शिलान्यास भी हुआ। इनमें 26 आईपीएचएल लैब, 38 पचास बेड के फील्ड अस्पताल, 13 जनपदीय ड्रग वेयरहाउस, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सीसीबी यूनिट और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 1800 आईसीयू बेड और जिला अस्पतालों में 1029 आईसीयू बेड स्थापित किए गए। इसके साथ ही ऑक्सीजन आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए Medical Gas Pipeline System (MGPS) सहित 49 एलएमओ स्टोरेज टैंक लगाए गए।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (Maternal & Child Health) को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इसके तहत जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 42 बेड वाले पीडियाट्रिक केयर यूनिट स्थापित किए गए। वहीं, 32 बेड वाले 23 पीडियाट्रिक यूनिट पूरी क्षमता से संचालित रहीं।
नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए प्रदेश में 412 Newborn Stabilization Units (NBSU) की स्थापना की गई। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए, जहां वर्ष 2024-25 में बाह्य रोगी सेवाओं (OPD) में 27 प्रतिशत और अंतः रोगी सेवाओं (IPD) में 32 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। संस्थागत प्रसव, सिजेरियन डिलीवरी, ऑपरेशन, पैथोलॉजी जांच, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सेवाओं में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ।
सभी जनपदों में डायलिसिस, 74 जिलों में CT Scan
डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में डायलिसिस सेवाएं और 74 जनपदों में सीटी स्कैन सुविधा उपलब्ध कराई गई। जनवरी से नवंबर 2025 के बीच 9.42 लाख सीटी स्कैन और 6.50 लाख से अधिक डायलिसिस सत्र संचालित किए गए।
जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए Essential Drug List का विस्तार किया गया, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों तक दवाओं की संख्या में वृद्धि हुई।
आयुष्मान भारत, एंबुलेंस और टीबी उन्मूलन में बड़ी सफलता
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत प्रदेश में 318 अस्पतालों को जोड़ा गया, जिनमें 248 कैंसर उपचार से संबंधित हैं। दिसंबर 2025 तक लगभग 3,862 करोड़ रुपये का भुगतान अस्पतालों को किया गया।
एंबुलेंस सेवाओं को सशक्त बनाते हुए 2,249 नई एंबुलेंस बेड़े में शामिल की गईं, जिससे लाखों मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।
टीबी उन्मूलन अभियान में उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। जांच की संख्या में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई और 7,191 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 424 प्रतिशत अधिक है।
ई-संजीवनी और टेली-मानस से डिजिटल हेल्थ को बढ़ावा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि e-Sanjeevani टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 75 हजार से अधिक कॉल दर्ज की गईं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर रहा। इसके साथ ही Tele-MANAS मानसिक स्वास्थ्य सेवा के सफल क्रियान्वयन से लाखों लोगों को परामर्श उपलब्ध कराया गया।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करती रहेगी।





