योगी सरकार में कैबिनेट विस्तार की तैयारी तेज, मिशन 2027 को साधने की रणनीति पर BJP का फोकस
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के संभावित कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा संगठन और सरकार स्तर पर मंथन जारी है और मिशन 2027 को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा है।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार (UP Cabinet Expansion) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल हो सकता है। भाजपा संगठन और सरकार के शीर्ष स्तर पर लगातार बैठकों का दौर जारी है, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी मिशन 2027 को ध्यान में रखते हुए सियासी संतुलन साधने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व प्रदेश सरकार में जातीय, क्षेत्रीय और संगठनात्मक संतुलन (Caste & Regional Balance) पर विशेष ध्यान दे रहा है। हाल ही में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कैबिनेट विस्तार की संभावनाएं और मजबूत मानी जा रही हैं। माना जा रहा है कि संगठन में जिम्मेदारी निभा चुके कुछ नेताओं को सरकार में जगह मिल सकती है, जबकि कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी संभव है।
कैबिनेट विस्तार के जरिए भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक संदेश देना चाहती है। इसमें पिछड़ा वर्ग, दलित और युवा चेहरों को प्रतिनिधित्व देने की रणनीति शामिल बताई जा रही है। साथ ही, क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी यूपी और अवध क्षेत्र से नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि कुछ लंबे समय से संगठन में सक्रिय नेताओं को सरकार में शामिल कर उन्हें प्रशासनिक अनुभव देने की योजना है। वहीं, प्रदर्शन के आधार पर कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं या उन्हें संगठनात्मक जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि, भाजपा नेतृत्व की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भाजपा का मानना है कि सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल (Coordination) से ही चुनावी रणनीति को मजबूत किया जा सकता है। ऐसे में कैबिनेट विस्तार को केवल प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि सरकार का चेहरा 2027 के चुनावी एजेंडे के अनुरूप और अधिक प्रभावी बने।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यदि यह कैबिनेट विस्तार होता है, तो इससे विपक्षी दलों पर भी दबाव बढ़ेगा। खासतौर पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसी पार्टियों के लिए यह संकेत होगा कि भाजपा अभी से चुनावी मोड में आ चुकी है और संगठनात्मक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
फिलहाल, सभी की निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि सही समय और राजनीतिक समीकरण तय होने के बाद कैबिनेट विस्तार पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। आने वाले दिनों में इसको लेकर तस्वीर और साफ हो सकती है।





