उत्तराखंड: वन गुर्जरों से 25 हेक्टेयर सरकारी ज़मीन मुक्त कराई गई, वर्षों से था अतिक्रमण; वन विभाग ने दी सख्त चेतावनी

Report By: उत्तराखंड डेस्क
रामनगर: उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के अंतर्गत आने वाले रामनगर क्षेत्र में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वन गुर्जरों द्वारा अतिक्रमित की गई करीब 25 हेक्टेयर ज़मीन को खाली करवा लिया है। यह अतिक्रमण लंबे समय से चला आ रहा था, जिसे लेकर वन विभाग और प्रशासन पर लगातार दबाव था।
कई वर्षों से चला आ रहा था अवैध कब्जा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामनगर के बफर ज़ोन और रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में कुछ वन गुर्जर परिवारों ने वर्षों पूर्व अस्थायी तौर पर डेरा डालना शुरू किया था। धीरे-धीरे इन डेरों ने स्थायी बस्तियों का रूप ले लिया, और वन भूमि पर खेती, पशुपालन व अन्य निर्माण कार्य किए जाने लगे।
वन विभाग ने कई बार नोटिस जारी किए और समझाइश दी, लेकिन कब्जा नहीं हटाया गया। अंततः प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए गुरुवार को पुलिस बल, राजस्व कर्मियों और वन कर्मियों की मदद से अभियान चलाया।
संगठित अभियान के तहत हटाया गया अतिक्रमण
यह अभियान डीएफओ (वन संरक्षक) अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में चलाया गया। लगभग 150 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान में शामिल हुए। मशीनों की मदद से अस्थायी झोपड़ियों और अवैध निर्माणों को हटाया गया।
डीएफओ वर्मा ने बताया:
“यह कार्रवाई वन भूमि की सुरक्षा के लिए जरूरी थी। अतिक्रमण न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि जंगली जानवरों की आवाजाही में भी बाधा उत्पन्न करता है। आगे भी इस प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।”
वन गुर्जरों को दी चेतावनी, पुनः अतिक्रमण पर होगी सख्त कार्रवाई
वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि यदि वे दोबारा वन भूमि पर कब्जा करते हैं, तो उनके खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम 1980 और भारतीय दंड संहिता के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि पुनर्वास की नीति के तहत जो पात्र वन गुर्जर हैं, उन्हें वैकल्पिक स्थानों पर बसाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।
स्थानीय लोगों ने की प्रशंसा, पर्यावरणविदों ने जताई संतोष
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संगठनों ने इस कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि वन क्षेत्रों में हो रहा अतिक्रमण न केवल जैव विविधता को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को भी बढ़ावा मिल रहा था।