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वैशाली में जनता दरबार: 27 मामले पेश, डीएम ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश

रिपोर्ट : मृत्युंजय कुमार

हाजीपुर : वैशाली समाहरणालय में आज आयोजित “जनता के दरबार में जिला पदाधिकारी” कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याओं को जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के समक्ष रखा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनता की समस्याओं का सीधे तौर पर समाधान करना और प्रशासनिक कार्यों को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना था।

जनता दरबार में 27 मामले प्रस्तुत किए गए, जिनमें मुख्य रूप से जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों में गड़बड़ी, भूमि विवाद, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेंशन, अतिक्रमण और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल थे।

जिला पदाधिकारी ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुना और कई मामलों का मौके पर ही समाधान किया। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को व्हाट्सएप के माध्यम से तुरंत निर्देशित किया कि आवेदन स्कैन करके जांच की जाए और शीघ्र निष्पादन किया जाए। डीएम ने कहा, “जनता की शिकायतों के प्रति अधिकारी संवेदनशील रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उदाहरण के तौर पर, महुआ के वार्ड नंबर 14 से आए विमलेश चंद्र ब्रह्मचारी ने पीडीएस लाइसेंस में गड़बड़ी की शिकायत की, जिस पर डीएम ने जिला पूर्ति पदाधिकारी को तुरंत जांच का निर्देश दिया। हाजीपुर के कृष्ण कुमार ने बासपर्चा से जुड़ा मुद्दा उठाया, जिसे डीएम ने अपर समाहर्ता और अंचलाधिकारी हाजीपुर को शीघ्र कार्रवाई के लिए सौंपा।

बिदुपुर के विकास कुमार सिंह ने शिकायत की कि राजकीय नलकूप कई महीनों से खराब पड़ा है, जिस पर डीएम ने लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार, लालगंज के अरुण कुमार ने पीडीएस दुकान में राशन वितरण में अनियमितता की शिकायत की, जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी को स्वयं जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया।

चेहराकला के सतेंद्र राय द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने के संबंध में दिए गए आवेदन पर डीएम ने डीसीएलआर और अंचलाधिकारी चेहराकला को कार्रवाई का निर्देश दिया। गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के देवेंद्र राय ने सड़क दुर्घटना में मुआवजे के भुगतान के लिए आवेदन दिया, जिस पर डीएम ने जिला परिवहन पदाधिकारी को शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

कार्यक्रम के दौरान, जिला पदाधिकारी ने लगातार फोन पर संबंधित अधिकारियों से भी बात की और उन्हें निर्देश दिया कि सभी मामलों की जांच व्यक्तिगत रूप से की जाए और तुरंत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन मामलों का समाधान आज नहीं हो पाया, उन्हें संबंधित विभागों के पास भेजते हुए त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया जाएगा।

इस मौके पर अपर समाहर्ता बिनोद कुमार सिंह, जन शिकायत कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी, जिला जन संपर्क पदाधिकारी और कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। जनता के दरबार में इस प्रकार की सीधी बातचीत से प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करने और समस्याओं के शीघ्र समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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