उत्तराखंड: प्रथम तैनाती के कार्यक्षेत्र को गोद लेंगे 40 आईएएस अफसर, मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश

Report By: स्पेशल डेस्क
उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक कार्यों की निगरानी और विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य के 40 आईएएस अधिकारी अपने-अपने प्रथम तैनाती वाले कार्यक्षेत्र (ब्लॉक/तहसील) को ‘गोद’ लेंगे। इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम ‘जनपद स्तरीय निगरानी प्रणाली’ को मजबूत बनाने और जमीनी स्तर पर प्रशासनिक सुधार लाने की दिशा में उठाया गया है।
क्या है योजना का उद्देश्य?
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जिन जिलों या उपखंडों में इन अधिकारियों की प्रारंभिक पोस्टिंग हुई थी, वे अब उन क्षेत्रों की प्रगति और विकास कार्यों की निगरानी करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य है:
क्या है योजना का उद्देश्य?
क्षेत्रीय विकास में तेजी लाना
स्थानीय समस्याओं का समाधान सीधे वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में करना
शासन और आमजन के बीच सीधा संवाद स्थापित करना
कैसे काम करेंगे अधिकारी?
इन अधिकारियों को समय-समय पर अपने गोद लिए गए क्षेत्र का दौरा करना होगा। वे वहां चल रही सरकारी योजनाओं, विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, पेयजल, सड़क और कृषि से जुड़ी योजनाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे। निरीक्षण रिपोर्ट वे सीधे मुख्य सचिव कार्यालय को देंगे।
इसके साथ ही वे उस क्षेत्र के ग्राम प्रधानों, बीडीओ, सीएचसी/पीएचसी अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, और अन्य जमीनी कर्मचारियों से संवाद कर समस्याएं जानेंगे और त्वरित समाधान के लिए आवश्यक निर्देश देंगे।
नवाचार और अनुभव का लाभ मिलेगा
मुख्य सचिव ने कहा कि यह योजना न सिर्फ अधिकारियों को अपने प्रारंभिक सेवा अनुभव को फिर से देखने का मौका देगी, बल्कि उन क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा जहां इन अधिकारियों ने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत की थी। यह नवाचार अधिकारियों की जमीनी समझ को और मजबूत करेगा और सेवा के अनुभव को जनहित में उपयोगी बनाएगा।
इन क्षेत्रों को गोद लेंगे अधिकारी
सूत्रों के अनुसार, ये 40 आईएएस अधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों — जैसे चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, बागेश्वर, नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, टिहरी और पौड़ी — में अपने पहले कार्यस्थल को गोद लेंगे। आदेश में सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और शीघ्र ही क्षेत्र भ्रमण की रूपरेखा बनाई जाएगी।
प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता से सीधे संवाद को बढ़ावा देगा। इससे जनता को सरकार के कार्यों का सीधा लाभ मिलेगा और अधिकारियों में भी अपने क्षेत्रों के प्रति एक व्यक्तिगत जुड़ाव और उत्तरदायित्व की भावना विकसित होगी।