प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक एआई वीडियो पोस्ट करने वाला युवक गिरफ्तार

उत्तराखंड डेस्क
देहरादून:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक एआई वीडियो पोस्ट करने के मामले ने उत्तराखंड में तूल पकड़ लिया है। मामला त्यूणी क्षेत्र का है, जहां एक युवक ने प्रधानमंत्री की छवि को ठेस पहुंचाने वाला वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया। यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की मदद से तैयार किया गया बताया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और आवाज को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा और रुद्रसेना फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखने को मिला। सोमवार को बड़ी संख्या में कार्यकर्ता त्यूणी थाने के बाहर इकट्ठा हुए और आरोपी युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि पूरे देश की गरिमा पर हमला है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धरने में क्या हुई मांगें?
प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि युवक के खिलाफ आईटी एक्ट, देशद्रोह और अफवाह फैलाने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया जाए। साथ ही उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त साइबर निगरानी व्यवस्था लागू करने की भी मांग की। रुद्रसेना फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की हरकतें लोकतंत्र और समाज की नींव को कमजोर करती हैं।
पुलिस ने क्या कहा?
त्यूणी पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्परता दिखाई और आरोपी युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि युवक ने एआई टूल की मदद से यह वीडियो तैयार किया और जानबूझकर सोशल मीडिया पर डाला ताकि भ्रम और असंतोष फैलाया जा सके। पुलिस का कहना है कि मामले की तकनीकी जांच की जा रही है और आरोपी के खिलाफ कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर एआई का दुरुपयोग बना चुनौती
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक का गलत इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई तकनीक की पहुंच अब आम लोगों तक हो गई है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस निगरानी तंत्र नहीं है। इस वजह से झूठी खबरें, फर्जी वीडियो और छवि ध्वस्त करने वाले कंटेंट तेजी से फैल रहे हैं, जिससे समाज में भ्रम और नफरत का माहौल बनता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने इस मामले की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि इस तरह के मामलों के लिए अलग से फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री और संपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है।
यह घटना न सिर्फ कानूनी और सामाजिक चेतना के लिहाज से गंभीर है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि हमें एआई और सोशल मीडिया के प्रयोग को लेकर अब अधिक सतर्क और जिम्मेदार होना पड़ेगा। प्रशासन, कानून व्यवस्था और आम नागरिकों को मिलकर इस चुनौती से निपटने की जरूरत है ताकि तकनीक का प्रयोग समाज के हित में हो, न कि उसके विघटन के लिए।