नैनीताल: ओलावृष्टि से फसल चौपट… अन्नदाताओं की आंखों से बरसे आंसू, आलू और टमाटर समेत फलों को भारी नुकसान

Report By: उत्तराखंड डेस्क
नैनीताल:उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में मंगलवार शाम अचानक बदले मौसम ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। तेज हवाओं के साथ आई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी सब्जियों और फलों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। आलू, टमाटर, सेब, आड़ू और खुमानी जैसी नकदी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। खेतों में फैली बर्फ जैसी सफेद ओलों की चादर ने किसानों के चेहरों से मुस्कान छीन ली, और जगह-जगह आंखों में आंसू लिए किसान अपने उजड़े खेतों को निहारते दिखाई दिए।
ओलों ने मचाई तबाही, फसलें धराशायी
रामगढ़, मुक्तेश्वर, भीमताल, गरमपानी, ओखलकांडा और धारी जैसे फल पट्टियों में ओलावृष्टि ने सबसे ज्यादा कहर ढाया। जिन खेतों में कुछ दिन पहले तक आलू की लहलहाती फसलें और टमाटर की बेलें दिख रही थीं, वहां अब सिर्फ टूटे पौधे और जमी हुई ओलों की परत नजर आ रही है। फलों की शुरुआती पैदावार पर भी इसका असर पड़ा है, जिससे आगामी सीजन के व्यापार पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।
किसानों की मेहनत पर फिरा पानी
इस आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान उन किसानों को हुआ है जिन्होंने बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर बीज और खाद का इंतजाम किया था। अब जब फसल तैयार होने की कगार पर थी, तब यह प्राकृतिक आपदा आ गई। स्थानीय किसान जगदीश सिंह ने बताया, “आलू की खुदाई बस कुछ दिनों में करने वाले थे। अब सब खत्म हो गया है। जितना खर्चा किया, वो भी नहीं निकलेगा।”
प्रशासन ने किया नुकसान का आकलन शुरू
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन टीमों को तुरंत प्रभावित इलाकों में भेजा है और नुकसान का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। तहसील स्तर पर पटवारी और कृषि अधिकारियों की टीमें सर्वे कर रही हैं ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके। हालांकि, किसानों का कहना है कि मुआवजा प्रक्रियाएं बेहद धीमी और जटिल होती हैं, जिससे राहत मिलने में महीनों लग जाते हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी, अगले कुछ दिन और सतर्क रहने की जरूरत
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में फिर से तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम चक्र के कारण ऐसी आपदाएं अब आम होती जा रही हैं, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
सरकार से राहत की मांग
किसानों ने राज्य सरकार से तुरंत राहत पैकेज जारी करने, बीमा दावों में तेजी लाने और भविष्य के लिए फसल बीमा योजनाओं को मजबूत करने की मांग की है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर समय रहते मदद नहीं पहुंचाई गई, तो कर्ज और नुकसान से परेशान किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं।