‘भूल चूक माफ’ ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर की धीमी शुरुआत, जानिए पहले दिन की कमाई और समीक्षाएं

Report By: मनोरंजन डेस्क


बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘भूल चूक माफ’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। दर्शकों और फिल्म समीक्षकों की उत्सुक निगाहें इस फिल्म पर टिकी थीं, लेकिन रिलीज़ के पहले ही दिन इसकी कमाई ने निराश किया है। जहां एक ओर स्टारकास्ट और विषय को लेकर कुछ दर्शकों में उत्साह था, वहीं शुरुआती कलेक्शन ने यह संकेत दे दिया कि फिल्म को लंबा रास्ता तय करना होगा।


फिल्म की पहले दिन की कमाई कितनी रही?
शुरुआती ट्रेंड्स और व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक, ‘भूल चूक माफ’ ने पहले दिन भारत में लगभग ₹70 से ₹90 लाख तक की कमाई की है। यह आंकड़ा काफी कम माना जा रहा है, खासकर तब जब फिल्म का प्रचार ठीक-ठाक स्तर पर किया गया था और इसमें यंग स्टारकास्ट के साथ सामाजिक संदेश पर आधारित कहानी भी थी।

फिल्म को क्यों नहीं मिला दर्शकों का समर्थन?
1. मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन पर कम फुटफॉल:
फिल्म को लेकर दर्शकों की शुरुआती दिलचस्पी काफी कम देखने को मिली। कई शहरों में सुबह और दोपहर के शो लगभग खाली रहे।
2. मौखिक प्रचार (Word of Mouth) का अभाव:
दर्शकों से मिली मिली-जुली प्रतिक्रियाओं ने भी पहले दिन के कलेक्शन को प्रभावित किया। फिल्म को लेकर कोई बड़ा उत्साह देखने को नहीं मिला।
3. बड़ी फिल्मों से प्रतिस्पर्धा:
रिलीज के समय पर बॉक्स ऑफिस पर पहले से ही कुछ बड़ी और मजबूत फिल्में मौजूद थीं, जिन्होंने ‘भूल चूक माफ’ के प्रदर्शन को प्रभावित किया।
4. सोशल मीडिया रिव्यू:
सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं। कुछ दर्शकों ने कहानी की सराहना की, लेकिन पटकथा की धीमी गति और संवादों की कमी को लेकर आलोचना भी की।

फिल्म की कहानी और विषयवस्तु
‘भूल चूक माफ’ एक सामाजिक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है, जो युवाओं की जिंदगी में रिश्तों, गलतियों और माफी की अहमियत को दर्शाती है। फिल्म में हास्य और भावना का संयोजन दिखाने की कोशिश की गई है। यह फिल्म कॉलेज के जीवन, दोस्ती और रिश्तों में आई गलतफहमियों पर आधारित है।

कलाकारों का अभिनय और निर्देशन
फिल्म में अभिनेता रोहन वैद्य और अभिनेत्री मनस्वी ममगाईं मुख्य भूमिका में हैं। दोनों ने ईमानदारी से अपना किरदार निभाया है, लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरी के चलते उन्हें दर्शकों के दिलों तक पहुंचने में कठिनाई हुई।
निर्देशक प्रीतम झा ने एक सुंदर संदेश को पर्दे पर लाने की कोशिश की है, लेकिन प्रस्तुति में कसावट की कमी के कारण फिल्म असर छोड़ने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाई।

फिल्म को आगे क्या चाहिए?
सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ: अगर दूसरे-तीसरे दिन दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है, तो फिल्म का व्यवसाय सुधर सकता है।
सोशल मीडिया प्रमोशन और समीक्षकों का समर्थन: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फिल्म को ज्यादा प्रमोट किया जाए तो यह छोटे शहरों और युवाओं के बीच लोकप्रिय हो सकती है।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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