त्रिशताब्दी जयंती पर देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन मूल्यों को किया गया नमन, मऊ में विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन संपन्न


संवाददाता:आसिफ अंसारी

मऊ पालिका कम्युनिटी हॉल में देवी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर आयोजित स्मृति अभियान अंतर्गत विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस आयोजन में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं भाजपा पदाधिकारियों की बड़ी उपस्थिति रही, जिन्होंने अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों, जीवन मूल्यों और प्रशासनिक कौशल पर विस्तृत चर्चा की।

अहिल्याबाई: धर्म, न्याय और राष्ट्रधर्म की प्रतिमूर्ति — सूरज श्रीवास्तव
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा वक्ता भाजपा लालगंज के पूर्व जिलाध्यक्ष सूरज श्रीवास्तव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर केवल एक शासिका नहीं, बल्कि धर्म, न्याय और राष्ट्रधर्म का सजीव स्वरूप थीं। उन्होंने अपने वक्तव्य में अहिल्याबाई के जीवन की संघर्षमयी यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चांदी गांव में हुआ था। विवाह के बाद वे मालवा राज्य की बहू बनीं और फिर जीवन की अनेक त्रासदियों के बावजूद सिंहासन पर बैठकर एक सफल और समर्पित शासिका के रूप में उभरीं।
श्रीवास्तव ने बताया कि अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में काशी से लेकर रामेश्वरम तक देश के प्रमुख तीर्थस्थलों का पुनरुद्धार कराया। उन्होंने मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाकर धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक एकता को सशक्त किया। उनके द्वारा किया गया कार्य आज भी देश की धरोहर के रूप में देखा जाता है।

प्रजाहित को सर्वोपरि मानने वाली शासिका थीं अहिल्याबाई — रामाश्रय मौर्य
भाजपा जिलाध्यक्ष रामाश्रय मौर्य ने अपने संबोधन में अहिल्याबाई को पुण्यश्लोक कहते हुए उन्हें एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील नेता और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई लगान की वसूली से लेकर न्याय वितरण तक के कार्यों में स्वयं भाग लेती थीं। वे राजकोष को जनता की अमानत मानती थीं और शासन के हर निर्णय में प्रजा के हित को प्राथमिकता देती थीं।
उन्होंने यह भी बताया कि अहिल्याबाई ने न केवल सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में बल्कि सैन्य रणनीति में भी दक्षता दिखाई। उनके नेतृत्व में मालवा राज्य ने न केवल स्थायित्व पाया बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध हुआ।

अहिल्याबाई को देवी समान मानना चाहिए अशोक सिंह
मऊ सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अशोक सिंह ने अहिल्याबाई के जीवन को आदर्श महिला नेतृत्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज के समय में जब नारी नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ऐसे में अहिल्याबाई होल्कर का जीवन मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों एवं उपस्थितजनों से आह्वान किया कि वे अहिल्याबाई के मूल्यों को आत्मसात करें और जनता की सेवा को ही अपना धर्म मानें।

कार्यक्रम का संयोजन और संचालन
इस महत्वपूर्ण आयोजन के संयोजक यशपाल सिंह रहे तथा मंच संचालन की जिम्मेदारी आनंद प्रताप सिंह ने सफलतापूर्वक निभाई। कार्यक्रम की संकल्पना और व्यवस्था में स्थानीय कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका रही।

विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक गणमान्य जनप्रतिनिधि और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। जिनमें प्रमुख नाम हैं –
ब्लॉक प्रमुख अशोक कुमार, गनेश सिंह, संजय पांडेय, आनंद रैकवार, संजीव जायसवाल, संगीता द्विवेदी, कृष्णकांत राय, अंजनी सिंह, अवधेश सोनकर, प्रतीक जायसवाल, सुनील यादव, ज्योति सिंह, पूजा राय और प्रीतुलता पांडेय।
इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने सम्मेलन को ऐतिहासिक बना दिया।

Related Articles

Back to top button