विकसित उत्तराखण्ड के लिए ग्राम से जनपद स्तर तक ठोस कार्ययोजना तैयार करें: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Report By: उत्तराखंड डेस्क


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल माध्यम से राज्य के सभी जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को मूर्त रूप देना और उत्तराखण्ड को विकसित राज्य के रूप में तैयार करना था।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर से जनपद स्तर तक वर्ष 2047 तक के लिए एक ठोस, समग्र और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार की जाए, जिसमें राज्य के प्रत्येक नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि विकसित उत्तराखण्ड के लिए जरूरी है कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और उसे मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

जनपदों में 5-5 नवाचारों पर हो कार्य, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद में जनहित से जुड़ी 5-5 सर्वश्रेष्ठ नवाचारों पर कार्य किया जाए और उन्हें अन्य जनपदों के लिए मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि जो तीन जनपद सबसे पहले टीबी मुक्त घोषित होंगे, उन्हें राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 5 जून से 25 जुलाई तक वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जाए। इस दौरान “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को भी विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने जल स्रोतों के संरक्षण और अमृत सरोवरों की प्रगति की भी नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए।

मानसून के दृष्टिगत पुख्ता तैयारियां, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा राज्य में औसत से अधिक वर्षा की चेतावनी दी गई है, ऐसे में मानसून पूर्व सभी तैयारियां पूरी की जाएं। नालों की समय से सफाई, पेयजल टंकियों की स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था और सड़क मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने कहा कि डेंगू, मलेरिया और कोविड से बचाव के लिए सभी जरूरी दवाइयों, उपकरणों और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। अस्पतालों में संसाधनों का परीक्षण और आपदा प्रबंधन तंत्र को अलर्ट मोड पर रखा जाए। सभी जिलों में टोल-फ्री नंबरों को सक्रिय किया जाए ताकि आपात स्थिति में जनता को तुरंत सहायता उपलब्ध हो सके।
चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात, स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित सभी तैयारियां उच्चतम स्तर की हों।

अवैध अतिक्रमण और दस्तावेजों के फर्जीवाड़े के विरुद्ध चले सख्त अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाएं। साथ ही, अवैध रूप से बने आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों के विरुद्ध कार्रवाई को निरंतर और प्रभावी बनाए रखें।
उन्होंने कहा कि 1064 हेल्पलाइन से संबंधित बोर्ड व बैनर सभी सरकारी कार्यालयों में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं ताकि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए आमजन को प्रेरित किया जा सके।

स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा और “एक जनपद दो उत्पाद” योजना को गति
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जाए और “एक जनपद, दो उत्पाद” योजना पर विशेष ध्यान दिया जाए। सरकारी आयोजनों में स्थानीय उत्पादों का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
उन्होंने कहा कि लैंड बैंक की स्थिति पर सभी जिलाधिकारी विशेष निगरानी रखें और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने वनाग्नि प्रबंधन के लिए भी सभी सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

विशेष आयोजन: योग दिवस और कैंची धाम स्थापना दिवस
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में सभी जिलों में व्यापक जन-जागरूकता और योग शिविरों का आयोजन किया जाए। साथ ही 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस के अवसर पर ट्रैफिक प्रबंधन, पार्किंग की अस्थायी व्यवस्था और जनसुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
वर्चुअल बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, एमडीडीए उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी, कुमाऊं आयुक्त श्री दीपक रावत सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से राज्य को 2047 तक विकसित उत्तराखण्ड बनाने के साझा लक्ष्य की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

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