इटावा में जलभराव की विकराल समस्या से टूटा जनता का सब्र, फ्रेंड्स कॉलोनी के लोगों ने किया मुख्य सड़क जाम

Report By: उत्तर प्रदेश डेस्क



इटावा:इटावा नगर में वर्षों से चली आ रही जल निकासी की समस्या ने सोमवार को एक गंभीर रूप ले लिया जब फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों ने इटावा-भर्थना मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। भारी जलभराव से त्रस्त लोगों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और तत्काल समाधान की मांग करते हुए सड़क पर उतर आए।स्थायी समाधान की मांग पर अड़े स्थानीय निवासी, प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ फूटा आक्रोश

समस्या की जड़: जल निकासी का अभाव
स्थानीय लोगों के अनुसार, फ्रेंड्स कॉलोनी में पिछले कई वर्षों से जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। हर बारिश के बाद गलियां और मुख्य सड़कें पानी से लबालब भर जाती हैं, जिससे आमजन को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घरों में पानी घुसना आम बात हो गई है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद, प्रशासन द्वारा अब तक कोई स्थायी कदम नहीं उठाया गया है।

प्रदर्शन ने पकड़ा जोर, पुलिस रही बेअसर
सोमवार सुबह जब लोगों ने देखा कि जलभराव की स्थिति और गंभीर हो गई है और कोई समाधान नहीं दिख रहा, तो उन्होंने सामूहिक रूप से इटावा-भर्थना मुख्य मार्ग पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर और पोस्टर लिए हुए थे और “प्रशासन मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे।
थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास करती रही, लेकिन प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इतना अधिक था कि वे किसी भी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं थे।

नगर पालिका अधिकारी मौके पर पहुंचे
स्थिति को बिगड़ता देख प्रशासन हरकत में आया और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (ईओ) विनय मणि त्रिपाठी को मौके पर बुलाया गया। उन्होंने जनता को शांत करने के लिए तत्काल जेसीबी मशीन मंगवाकर नाले की अस्थाई सफाई का कार्य शुरू करवाया। खुदाई के बाद कुछ पानी की निकासी हो पाई, जिसके बाद जाम हटाया गया और यातायात बहाल हुआ।

स्थायी समाधान की मांग, नहीं तो होगा बड़ा आंदोलन
हालांकि इस अस्थाई व्यवस्था से स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जब तक स्थायी नाला निर्माण, नियमित सफाई और जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
एक स्थानीय निवासी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम सालों से सिर्फ आश्वासन सुन रहे हैं। नतीजा यह है कि हर बारिश में हमारा जीना दूभर हो जाता है। अगर जल्द स्थायी समाधान नहीं हुआ, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप लेगा।”

प्रशासन पर उठे सवाल
यह घटना इटावा नगर प्रशासन की कार्यशैली और नागरिक समस्याओं के प्रति उसकी उदासीनता को उजागर करती है। सवाल यह उठता है कि जब वर्षों से यह समस्या बनी हुई है, तो अब तक उसके समाधान की कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनाई गई?
नगर निगम और संबंधित विभागों को अब तत्काल प्रभाव से योजना बनाकर जल निकासी की स्थायी व्यवस्था करनी होगी, ताकि ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो और नागरिकों का भरोसा प्रशासन में बना रहे।

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