प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बुनियादी ढांचे की क्रांति: आत्मनिर्भर भारत की नई नींव

Report By: उत्तराखंड डेस्क
उत्तराखंड: बीते 11 वर्षों में भारत ने जिस तरह बुनियादी ढांचे आधारभूत संरचना के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखे हैं, वह देश के विकास पथ की एक नई शुरुआत को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए अनेक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स ने भारत को सिर्फ भौगोलिक रूप से नहीं जोड़ा, बल्कि आत्मनिर्भरता, समृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में भी मजबूत कदम बढ़ाए।सड़क, रेल, एयर और शहरी विकास के अभूतपूर्व प्रयासों से भारत को मिल रही है नई गति
आज भारतमाला परियोजना के तहत देश के कोने-कोने को जोड़ने वाले हाईवे नेटवर्क तैयार हो रहे हैं, वहीं सागरमाला योजना से समुद्री परिवहन और तटीय विकास को नई ऊर्जा मिल रही है। स्मार्ट सिटी मिशन, वंदे भारत एक्सप्रेस, अटल टनल, पूर्वोत्तर राज्यों में नए राजमार्गों का निर्माण, और आधुनिक हवाई अड्डों का विस्तार – ये सभी पहल देश के भविष्य को आकार दे रही हैं।
बदलते भारत की पहचान बनती बुनियादी संरचनाएं
प्रधानमंत्री मोदी का यह विज़न सिर्फ ईंट-पत्थर या सीमेंट-लोहा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सशक्त, आत्मनिर्भर और भविष्य-केंद्रित भारत की आधारशिला है।
भारतमाला परियोजना के तहत अब तक हज़ारों किलोमीटर नए एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे बनाए जा चुके हैं, जिनसे यात्रा का समय घटा है और आर्थिक गतिविधियों को बल मिला है।
वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी तेज़, आरामदायक और स्वदेशी ट्रेनें न केवल आधुनिक भारत की पहचान बन रही हैं, बल्कि रेलवे के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ का आदर्श उदाहरण भी पेश कर रही हैं।
अटल टनल जैसे विश्वस्तरीय निर्माण ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी आसान आवाजाही को संभव बनाया है।
डबल इंजन सरकार का प्रभाव: उत्तराखंड के विकास की नई ऊंचाई
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का विकास बेहद महत्वपूर्ण रहा है। डबल इंजन सरकार – यानी केंद्र और राज्य दोनों में एक ही दल की सरकार – के प्रभाव से राज्य ने विकास के नए आयाम छुए हैं।
चारधाम ऑल वेदर रोड: श्रद्धा और सुविधा का संगम
चारधाम यात्रा अब पहले से कहीं अधिक सुगम और सुरक्षित हो चुकी है। ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत ऋषिकेश से लेकर गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तक हाई क्वालिटी सड़कों का निर्माण किया गया है, जो हर मौसम में आवागमन सुनिश्चित करती हैं। इससे न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा मिली है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी बेहतर आवागमन का लाभ मिला है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन: पहाड़ों को रेल से जोड़ती नई उम्मीद
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। यह रेल लाइन राज्य के अंदरूनी पहाड़ी क्षेत्रों को रेल मार्ग से देश के अन्य भागों से जोड़ रही है। इस परियोजना के पूरा होते ही राज्य के पर्यटन को एक नई रफ्तार मिलेगी और व्यापार के लिए भी नई संभावनाएं खुलेंगी।
हवाई संपर्क में क्रांति: नए एयरपोर्ट्स और विस्तार
उत्तराखंड में नए हवाई अड्डों के निर्माण और मौजूदा एयरपोर्ट्स के विस्तार से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूती मिली है। देहरादून, पंतनगर और नैनीसैनी जैसे हवाई अड्डों को आधुनिक बनाया गया है। इससे पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए द्वार खुले हैं।
सतत विकास और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की ओर बढ़ता कदम
उत्तराखंड आज केवल प्राकृतिक सौंदर्य या तीर्थ स्थलों के लिए ही नहीं जाना जा रहा है, बल्कि एक आर्थिक रूप से उभरते, आत्मनिर्भर और टिकाऊ विकास की मिसाल बनने वाले राज्य के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित योजनाओं के चलते अब यहाँ निवेशकों का भी भरोसा बढ़ा है।