चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद सरकार सख्त, हेली सेवाएं सोमवार तक पूर्ण रूप से बंद, उच्च स्तरीय जांच के आदेश

Report By: उत्तराखंड डेस्क
देहरादून:चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग जिले में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। रविवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अधिकारियों को चारधाम के लिए हेली सेवाओं को सोमवार तक पूर्ण रूप से बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी हेली ऑपरेटरों की आपात बैठक बुलाने और पायलटों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान अनुभव की गहन जांच करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जब तक सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित नहीं कर लिया जाता कि वे सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं, तब तक हेली सेवाएं बंद रखी जाएंगी।
देहरादून में बनेगा कॉमन कमांड और कोऑर्डिनेशन सेंटर
बैठक के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए एक सख्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार की जाएगी। हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक कॉमन कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय), राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) तथा सभी हेली ऑपरेटर कंपनियों के प्रतिनिधियों की तैनाती अनिवार्य की जाएगी।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश
बैठक के दौरान हाल ही में रुद्रप्रयाग में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना को लेकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस हादसे में जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई है, उसे चिन्हित कर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के पार्थिव शरीर को उनके गृह राज्यों तक भेजने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा जैसे अत्यंत संवेदनशील धार्मिक आयोजनों के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी या मानवीय चूक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए व्यापक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
सरकार द्वारा उठाए गए इन त्वरित कदमों से यह स्पष्ट हो गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अब किसी भी स्तर पर कोताही नहीं बरती जाएगी। हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन तभी दोबारा शुरू किया जाएगा, जब सभी सुरक्षा प्रबंधों की पूर्ण पुष्टि हो जाएगी।