अगिआंव बाजार थाने के ऑडियो वायरल कांड पर गिरी गाज, थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिस अधिकारी लाइन हाजिर, नए थानाध्यक्ष की तैनाती

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)
भोजपुर जिले के अगिआंव बाजार थाना इन दिनों एक वायरल ऑडियो कांड को लेकर सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर भोजपुर के एसपी राज ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिस अधिकारियों को लाइन हाजिर कर दिया है। यह कार्रवाई वायरल ऑडियो में सामने आए गंभीर आरोपों के आधार पर की गई है, जिसमें थाने के कुछ कर्मियों द्वारा अवैध वसूली और पैसे के बंटवारे की बातें सामने आई हैं।
कौन-कौन हुए कार्रवाई के शिकार?
लाइन हाजिर किए गए अधिकारियों में अगिआंव बाजार थाने की थानाध्यक्ष प्रियंका गुप्ता, एसआई चंद्र प्रकाश पंडित और एएसआई आर.पी. सिंह शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, वायरल ऑडियो में एसआई और एएसआई का नाम स्पष्ट रूप से सामने आया है और उन पर बालू व शराब तस्करों से अवैध वसूली करने और उसका बंटवारा करने के आरोप लगे हैं। ऑडियो में थाने के प्राइवेट चालक की ओर से इन अधिकारियों पर सीधा आरोप लगाया गया है।
वायरल ऑडियो में क्या है?
वायरल हुए ऑडियो क्लिप में एक प्राइवेट चालक और थाने के एक अधिकारी के बीच बातचीत रिकॉर्ड है, जिसमें पैसे के लेन-देन और उसका बंटवारा कैसे किया जा रहा है, इस पर चर्चा हो रही है। इसमें यह भी कहा गया है कि कुछ अधिकारी अपने स्तर से तय राशि से अधिक वसूली कर रहे हैं और उसे स्टाफ के बीच समान रूप से वितरित नहीं किया जा रहा। ऑडियो में बालू और शराब तस्करों से वसूली की बात भी सामने आई है।
नए थानाध्यक्ष की तैनाती
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी राज ने तत्काल प्रभाव से अगिआंव बाजार थाना में नए थानाध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। 2018 बैच की सब-इंस्पेक्टर अर्चना कुमारी को अगिआंव बाजार थाने की कमान सौंपी गई है। वे फिलहाल भोजपुर के संदेश थाने में जेएसआई के पद पर कार्यरत थीं। एसपी ने उम्मीद जताई कि नए थानाध्यक्ष के नेतृत्व में थाना की छवि सुधरेगी और जनता का विश्वास बहाल होगा।
जांच के आदेश और आगे की कार्रवाई
एसपी राज ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच एएसपी स्तर के अधिकारी से कराई जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी अन्य अधिकारी की संलिप्तता सामने आती है, तो उस पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने दो टूक कहा कि भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस की छवि पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता में यह संदेश गया है कि यदि थाने स्तर पर ही वसूली और भ्रष्टाचार का माहौल है, तो आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा? हालांकि, एसपी की त्वरित कार्रवाई ने यह जरूर दर्शाया है कि ऐसे मामलों में प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।
जनता की अपेक्षा पारदर्शिता और ईमानदारी
इस पूरे घटनाक्रम से स्थानीय लोगों में नाराजगी के साथ-साथ उम्मीद की एक किरण भी जगी है कि अब प्रशासन ऐसे मामलों में आंख मूंदकर नहीं बैठेगा। ग्रामीणों का कहना है कि थानों को न्याय का मंदिर होना चाहिए, न कि वसूली का केंद्र। उन्हें उम्मीद है कि अब थाना स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।