शिव शिष्यता की प्रेरणा स्त्रोत रही राजमणि दीदी नीलम आनंद जी की 20वीं पुण्यतिथि संकल्प दिवस के रूप में मनाई गई

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)
आरा: शिव शिष्यता को जन-जन तक पहुँचाने और समर्पित भाव से आध्यात्मिक साधना के पथ को प्रशस्त करने वाली पुण्यात्मा, राजमणि दीदी नीलम आनंद जी की 20वीं पुण्यतिथि स्थानीय होटल “आरा ग्रांड” के सभागार में अत्यंत श्रद्धा, सम्मान और भावपूर्ण वातावरण में संकल्प दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर वैश्विक शिव शिष्य परिवार के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।
इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन महागुरु महादेव की असीम कृपा से हुआ, जिसमें दीदी नीलम आनंद जी के योगदान को याद करते हुए शिव शिष्यता को पुनः आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
दीदी नीलम आनंद जी: शिव शिष्यता की प्रखर प्रेरणा
सभा में वक्ताओं ने कहा कि दीदी नीलम आनंद जी केवल एक साधिका नहीं थीं, बल्कि वह साहब श्री हरीद्रानन्द जी के संकल्पों की सजीव अभिव्यक्ति थीं। उनका जीवन शिव प्रेम, सेवा, निःस्वार्थ समर्पण और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक था। शिव शिष्य उमेश जी ने कहा, “आज के दौर में जब हम घर-घर में पूजे जाने वाले भगवान शिव के गुरु स्वरूप को भूलते जा रहे हैं, दीदी नीलम हमें उस सम्यक् विचारधारा की ओर पुनः प्रेरित करती हैं। वह साहब के उस प्रयास में सहभागी रहीं, जिसके तहत हर व्यक्ति को भगवान शिव से शिष्यता सूत्र में जोड़ने का कार्य हुआ।”
उमेश जी ने आगे कहा, “दीदी नीलम ने जिस नर्मदा-सी निर्मलता से शिव शिष्यता की बगिया को सींचा, वह उनके मातृत्व, तप और आत्मिक शक्ति का अद्वितीय प्रमाण है।”
आप शिव की ओर चलें, मैं आपके लौकिक कांटे चुनूंगी
सभा में वक्ता नीलम देवी ने दीदी नीलम आनंद जी के एक भावपूर्ण कथन को उद्धृत करते हुए कहा, “दीदी कहा करती थीं, ‘आप शिव की ओर चलिये, मैं आपके लौकिक काटों को चुनूँगी।’ यह भाव उनकी करुणा, सेवा और गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण को दर्शाता है।”
वक्ताओं ने दी श्रद्धांजलि, साझा किए अनुभव
कार्यक्रम में विकास श्रीवास्तव, मिथलेश मिश्रा, अजय गुप्ता, अंशु देवी, अमरजीत, विजय तिवारी, शिव शंकर, प्रमोद शर्मा, देव कुमार, अरुण सिंह, कमला देवी, दीपक केशरी, अंजू, रंजीत रौनियार, मंजू देवी और अशोक सहित अन्य शिव शिष्यों ने अपने विचार रखते हुए दीदी के शिव प्रेम, त्याग और सेवा भावना को याद किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि दीदी का जीवन ही शिव शिष्यता का जीवंत उदाहरण है, जिसे आज के समय में आत्मसात करने की आवश्यकता है।
मंच संचालन और आयोजन की सराहना
कार्यक्रम का मंच संचालन बीरेन्द्र कुमार ने कुशलता से किया। उन्होंने श्रद्धांजलि सभा को भावनात्मक ऊंचाई देते हुए उपस्थित सभी शिव शिष्यों से दीदी के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।