भाकपा-माले ने आरा में निकाला फिलिस्तीनी जनता के समर्थन में मार्च, साम्राज्यवाद के खिलाफ दिखी राष्ट्रीय एकजुटता

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)

आरा: फिलिस्तीन के लोगों के समर्थन में और इजराइल-अमेरिका के सैन्य हमलों के खिलाफ भाकपा-माले (CPI-ML) ने मंगलवार को आरा में ‘राष्ट्रीय एकजुटता दिवस’ के तहत एक प्रतिरोध मार्च निकाला। यह मार्च माले के जिला कार्यालय श्रीटोला से शुरू होकर शहर के प्रमुख बस स्टैंड पर सभा के रूप में तब्दील हो गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ताओं, आम नागरिकों और युवा छात्रों की भागीदारी देखी गई।

सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि इजराइली सरकार द्वारा गाज़ा में किए जा रहे बर्बर हमले, नरसंहार और युद्ध अपराधों की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। उन्होंने कहा कि इजराइल और अमेरिका की साम्राज्यवादी धुरी पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र को अस्थिर कर रही है। ईरान समेत तमाम देशों पर सैन्य हमले कर क्षेत्रीय शांति और मानवता पर हमला किया जा रहा है।

भारत सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
भाकपा-माले नेताओं ने भारत की मोदी सरकार की खामोशी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत, जिसने ऐतिहासिक रूप से हमेशा साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के खिलाफ आवाज उठाई है, आज ग़ाज़ा के निर्दोष लोगों के कत्लेआम पर चुप है। माले नेताओं ने कहा कि यह चुप्पी एक तरह से युद्ध अपराधों में मिलीभगत जैसा कृत्य है और भारत की जनता को इसे खारिज करना चाहिए।

नेताओं ने जोर देकर कहा कि भारत की ऐतिहासिक भूमिका फिलिस्तीन के समर्थन में रही है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार इस नीति से मुंह मोड़ चुकी है। उन्होंने भारतीय जनता से अपील की कि वे इस बदलाव का विरोध करें और राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलनों, साम्राज्यवाद-विरोधी परंपरा और फिलिस्तीन की आजादी के संघर्ष के साथ एकजुटता दिखाएं।

सभा में जुटे माले के कई वरिष्ठ नेता
मार्च और सभा में भाकपा-माले राज्य कमेटी के सदस्य विजय ओझा, नगर सचिव सुधीर कुमार, राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी, जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम, अमित बंटी, हरिनाथ राम, राजेन्द्र यादव, संतविलास राम, मिल्टन कुशवाहा, मोहम्मद राजन, रणधीर कुमार राणा, अभय सिंह, अजय कुमार राम, प्रमोद रजक और सुरेंद्र पासवान प्रमुख रूप से शामिल रहे।
सभा का संचालन आइसा (AISA) नेता रौशन कुशवाहा ने किया और उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ प्रतिरोध तेज हो रहा है। उन्होंने छात्रों, युवाओं और नागरिकों से अपील की कि वे फिलिस्तीन की जनता के साथ एकजुटता में आवाज़ बुलंद करें।

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