ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उत्तराखंड की प्रगति का नया अध्याय

रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, देहरादून

देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर ऐतिहासिक बदलाव की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व और डबल इंजन सरकार की दूरदर्शी नीतियों के तहत प्रदेश की बहुप्रतीक्षित और अत्यंत महत्वपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तीव्र गति से अपने निर्माण की दिशा में अग्रसर है।

यह परियोजना उत्तराखंड के सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक विकास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होने जा रही है। न केवल यह रेल लाइन चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि पर्वतीय अंचलों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए यह एक जीवन रेखा का कार्य करेगी।

चारधाम यात्रा में मिलेगी राहत
चारधाम यात्रा हिंदू धर्मावलंबियों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के निर्माण से बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे पवित्र धामों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। अब यात्रियों को खतरनाक पहाड़ी मार्गों की बाधाओं का सामना कम करना पड़ेगा, जिससे यात्रा सुरक्षित, तेज और अधिक सुविधाजनक होगी।

पर्वतीय इलाकों में विकास की नई रफ्तार
इस परियोजना के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों को सुलभ परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे वहां के निवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोज़गार जैसे मूलभूत सेवाओं तक सरल पहुंच मिलेगी। यह रेल मार्ग गांवों और कस्बों को जोड़कर सामाजिक समरसता और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

रोजगार और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
रेल परियोजना के निर्माण और संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसके साथ ही व्यापार, पर्यटन, होटल और छोटे व्यवसायों को भी नई ऊर्जा मिलेगी। फल, सब्ज़ी, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय उत्पादों को अब बड़े बाज़ारों तक पहुंचाना आसान होगा।

पर्यटन को मिलेगा नया विस्तार
उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति और धार्मिक स्थलों की भरमार पहले से ही देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। इस रेल परियोजना के पूरा होते ही पर्यटन को नया विस्तार मिलेगा और राज्य को वैश्विक पहचान भी प्राप्त होगी।

तकनीकी विशेषताएं और सुरक्षा
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की यह रेललाइन लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें कई सुरंगें, पुल और पहाड़ी मार्गों से गुजरती रेल पटरियाँ बन रही हैं। इस निर्माण में आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि भूगर्भीय और जलवायु से जुड़ी चुनौतियों का सामना सुरक्षित रूप से किया जा सके।

प्रधानमंत्री का विजन समावेशी विकास
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सदैव उत्तराखंड को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही है। डबल इंजन सरकार के सहयोग से आज राज्य में जो परिवर्तन दिख रहा है, वह इसी मजबूत नेतृत्व और नीति-निर्माण का परिणाम है।

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