जिला कारागार में 250 कैदियों ने किया योग, लिया स्वास्थ्य का संकल्प

रिपोर्ट: श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी
बाराबंकी: 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला कारागार बाराबंकी में एक अनुकरणीय पहल करते हुए योग वेलेनेस सेंटर एवं राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैदियों को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से सशक्त बनाना था, ताकि वे सकारात्मकता की ओर अग्रसर हो सकें।
कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक सुशील कुमार अवस्थी एवं योग सहायक स्वीटी मौर्या के नेतृत्व में 250 से अधिक कैदियों, कारागार कर्मियों और अधिकारियों ने सामूहिक रूप से सामान्य योग प्रोटोकॉल (Common Yoga Protocol) का अभ्यास किया। इसमें विभिन्न योगासन, प्राणायाम एवं ध्यान की विधियों को सिखाया गया, जिनका नियमित अभ्यास मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति को बढ़ाता है।
योग सत्र की शुरुआत वॉर्मअप अभ्यासों के साथ हुई, जिसके बाद ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, शवासन सहित अन्य प्रमुख आसनों का अभ्यास कराया गया। प्राणायाम खंड में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि का अभ्यास करते हुए प्रशिक्षकों ने उनके स्वास्थ्य लाभों की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के समापन पर शांति पाठ और योग गीत के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को एकजुटता, शांति और जागरूकता का संदेश दिया गया।
इस आयोजन के दौरान उपस्थित अधिकारियों ने भी योग में भाग लिया और सभी कैदियों को योग को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन कैदियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति संकल्पित है और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता बनी रहेगी।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई बंदियों ने इसे एक आत्मिक अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि योग अभ्यास के दौरान उन्हें मानसिक शांति मिली और उनके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। कुछ बंदियों ने यह भी संकल्प लिया कि जेल से रिहा होने के बाद वे समाज में योग का प्रचार करेंगे और लोगों को इसके लाभ बताएंगे।
इस अवसर पर जिला कारागार प्रशासन की ओर से कार्यक्रम की सराहना की गई और आयोजन में सहयोग देने वाले सभी विभागों तथा प्रशिक्षकों का आभार प्रकट किया गया।
यह आयोजन न केवल बंदियों के स्वास्थ्य व मानसिक शांति के लिए सार्थक रहा, बल्कि यह समाज को यह भी संदेश देता है कि सुधार की दिशा में योग एक कारगर माध्यम बन सकता है। कैदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए ऐसे प्रयासों की अहम भूमिका होती है।