सिपाहियों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा

रिपोर्टर: श्रवण कुमार यादव

बाराबंकी:एक ओर जहां चाइनीज मंझे की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मियों की सतर्कता और मानवता की भावना ने सोमवार शाम एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया। शहर के व्यस्ततम इलाके पटेल तिराहे पर लोक निर्माण विभाग (PWD) गेस्ट हाउस के सामने अचानक हवा में झूलता चाइनीज मंझा राहगीरों के लिए खतरा बन गया। पर समय रहते पुलिसकर्मियों की तत्परता ने राहगीरों की जान बचा ली।

सोमवार शाम करीब 6 बजे का वक्त था। कार्यालयों की छुट्टी का समय होने के कारण सड़क पर ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक था। अचानक PWD गेस्ट हाउस के सामने एक चाइनीज मंझा हवा में झूलता दिखाई दिया, जो लगातार नीचे आकर राहगीरों और बाइक सवारों के लिए जानलेवा साबित हो सकता था। इससे पहले कि कोई हादसा होता, मौके से गुजर रहे कोतवाली नगर क्षेत्र की सिविल लाइन्स चौकी में तैनात सिपाही सौरभ कुमार और अनवर ने तुरंत स्थिति को भांप लिया।

ड्यूटी खत्म होने के बावजूद दोनों सिपाहियों ने बिना एक पल गंवाए अपनी बाइक रोकी और पूरी मुस्तैदी के साथ मंझे को हटाने की कोशिश में लग गए। मंझा एक ऊंचे पेड़ की डालियों से लटक रहा था, जिसे हटाना आसान नहीं था। दोनों जवानों ने न सिर्फ मंझा सड़क से हटाया, बल्कि उसके दोनों सिरों को पेड़ से बाँधकर पूरी तरह रास्ता साफ कर दिया। इस प्रयास में उन्हें हाथों में मामूली चोटें भी आईं, लेकिन उन्होंने परवाह किए बिना काम को अंजाम दिया।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय लोगों ने सिपाहियों की त्वरित प्रतिक्रिया और साहस की भूरी-भूरी प्रशंसा की। एक राहगीर ने कहा, “अगर वे कुछ मिनट देर कर देते, तो शायद कोई जान चली जाती। ट्रैफिक का जो हाल है, उसमें एक भी गलती जानलेवा हो सकती है।”

एक महिला राहगीर भावुक होकर बोलीं, “आज खाकी वर्दी हमारे लिए भगवान बनकर आई है। ऐसे पुलिसकर्मियों पर हमें गर्व है।”

यह घटना एक बार फिर चाइनीज मंझे की बिक्री और खुलेआम उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करती है। नियमों के बावजूद यह खतरनाक धागा बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा है। इसका इस्तेमाल न केवल इंसानों बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी जानलेवा बन चुका है।

स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को केवल हादसे होने पर ही नहीं, बल्कि पहले से सक्रिय होकर रोकथाम के प्रयास करने चाहिए। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “जब तक कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। हमें स्थायी समाधान चाहिए, महज दिखावटी अभियान नहीं।”

चाइनीज मंझे की बिक्री पर सरकार द्वारा कई बार प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका पालन ना के बराबर होता है। पुलिस और जिला प्रशासन के संयुक्त अभियान के बाद भी ये धागे खुले बाजार में बिक रहे हैं।

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