आरा में सैनिक स्कूल खोलने की मांग तेज़, क्षेत्र के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

बिहार के भोजपुर जिले में सैनिक स्कूल खोलने की मांग अब तेज़ हो गई है। आरा संसदीय क्षेत्र, जो ऐतिहासिक और वीरता की धरती के रूप में पहचाना जाता है, अब चाहता है कि यहां के युवाओं को भी बेहतर सैनिक शिक्षा और प्रशिक्षण का मौका मिले। लोगों की यह मांग शिक्षा के साथ-साथ देश सेवा की भावना को भी मजबूत करने की दिशा में एक जरूरी कदम मानी जा रही है।

भोजपुर जिला वीरता और बलिदान की मिसाल रहा है। यहां के वीर कुंवर सिंह ने 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी। आज भी यहां के हजारों युवा भारतीय सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं। इस वीरभूमि पर सैनिक स्कूल की अनुपस्थिति एक बड़ी कमी के रूप में देखी जा रही है।

बिहार में अभी कुछ ही सैनिक स्कूल हैं, जो राज्य के कुछ चुनिंदा इलाकों में हैं। भोजपुर जैसे बड़े और घनी आबादी वाले जिले में एक भी सैनिक स्कूल नहीं है। इस कारण यहां के बच्चों को NDA, CDS या अन्य रक्षा सेवाओं की तैयारी के लिए दूसरे जिलों या राज्यों में जाना पड़ता है। अगर आरा में सैनिक स्कूल खुलता है, तो यहां के बच्चों को बचपन से ही अच्छा मार्गदर्शन, अनुशासन, शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण मिल सकेगा।

सैनिक स्कूल सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं होती, यह एक ऐसी संस्था होती है जहां बच्चों को देशभक्ति, अनुशासन, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता सिखाई जाती है। यहां से पढ़कर निकले छात्र आगे चलकर सेना, नौसेना, वायुसेना और अन्य सेवाओं में जाकर देश की रक्षा करते हैं। इसीलिए आरा में सैनिक स्कूल खुलना न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाएगा, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी एक अहम भूमिका निभाएगा।

अगर आरा में सैनिक स्कूल स्थापित किया जाता है, तो इसका लाभ भोजपुर के साथ-साथ बक्सर, रोहतास, कैमूर और पटना ग्रामीण के छात्रों को भी मिलेगा। इससे इलाके में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। स्कूल निर्माण से लेकर शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति तक, कई नए अवसर सामने आएंगे।

इस मांग को लेकर अब स्थानीय लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाए। बिहार सरकार और केंद्र सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वे आरा के महत्व को समझें और यहां सैनिक स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू करें। इसके लिए जमीन, बजट और सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं ताकि यह सपना जल्द साकार हो सके।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि सैनिक स्कूल केवल एक इमारत नहीं होती, वह एक सोच होती है – एक ऐसी सोच जो बच्चों को मजबूत, जिम्मेदार और देशभक्त नागरिक बनाती है। आरा की भूमि इस लायक है कि यहां से भी सैकड़ों वीर सपूत निकलें और देश की सेवा करें। अब समय आ गया है कि सरकार इस क्षेत्र की इस ज़रूरी मांग पर ध्यान दे और जल्द से जल्द एक सैनिक स्कूल की स्थापना करे।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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