गाजीपुर में आवास प्लस सर्वे में लापरवाही, सात खंड विकास अधिकारियों का वेतन रोका गया

Report By: आसिफ अंसारी
गाजीपुर : गाजीपुर जिले में आवास प्लस सर्वे 2025-26 के अंतर्गत सरकारी कार्यों में लापरवाही के कारण सात विकास खंडों के खंड विकास अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। यह कार्रवाई जिला ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा की गई है।
भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार जिले में आवास प्लस 2024 के अंतर्गत लोगों ने जो “सेल्फ सर्वे” किया था, उसका शत-प्रतिशत वेरीफिकेशन (सत्यापन) सर्वेयरों द्वारा कराना अनिवार्य था। इस विषय में कार्यालय द्वारा 20 जून 2025 को पत्र जारी कर जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वे सभी सेल्फ सर्वे की पुष्टि निर्धारित समय में पूर्ण कराएं।

लेकिन प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के सात विकास खंड – सादात, जखनियां, मरदह, जमानियां, मनिहारी, सैदपुर और देवकली – की प्रगति औसत 28.39 प्रतिशत से भी कम रही। इतना ही नहीं, इन खंडों में “चेकर” द्वारा एक भी वेरीफिकेशन नहीं किया गया, जिससे साफ होता है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्देशों का पालन गंभीरता से नहीं किया गया और सर्वेयरों से समय पर कार्य नहीं कराया गया।
इस लापरवाही के कारण जिले की कुल प्रगति पर बुरा असर पड़ा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिनांक 26 जून 2025 को ग्राम्य विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा फोन पर रोष व्यक्त किया गया। इसके बाद परियोजना निदेशक, गाजीपुर ने तत्काल प्रभाव से सातों खंड विकास अधिकारियों – भीमराव प्रसाद (सादात), संजय कुमार गुप्ता (जखनियां), कोष्तुभ मणि पाठक (मरदह), बृजेश अस्थाना (जमानियां), अरविंद कुमार यादव (मनिहारी), धर्मेंद्र कुमार यादव (सैदपुर) और जमालुद्दीन (देवकली) – के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है।

इस आदेश की प्रतिलिपि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी और संबंधित खंड विकास अधिकारियों को भेज दी गई है ताकि आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि शासन के कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर सर्वे वेरीफिकेशन का कार्य पूर्ण कराएं, अन्यथा आगे और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू माना गया है।