मनरेगा में बड़ा घोटाला मौके पर 20 मजदूर, हाजिरी में 136 नाम, फोटो का एंगल बदलकर चल रहा खेल

Report By: आसिफ अंसारी
गाज़ीपुर : जिला के मनिहारी ब्लॉक के ग्राम सभा सरौली उर्फ पहेतिया से मनरेगा योजना में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। यह योजना गरीब और जरूरतमंद मजदूरों को रोजगार देने के लिए चलाई जाती है, लेकिन यहां इस योजना में भारी भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, गांव में मनरेगा कार्यों के लिए मस्टररोल (हाजिरी रजिस्टर) में 136 मजदूरों के नाम दर्ज हैं। लेकिन जब मौके पर जाकर देखा गया तो वहां केवल 20 से 30 मजदूर ही काम करते मिले। इसका मतलब साफ है कि बाकी मजदूरों की हाजिरी फर्जी तरीके से लगाई गई है।
इतना ही नहीं, एक ही मजदूर की फोटो को अलग-अलग एंगल से खींचकर उसे अलग-अलग नामों से मस्टररोल में चढ़ाया जा रहा है। इससे यह साबित होता है कि फोटो के जरिए फर्जी हाजिरी लगाकर मनरेगा के पैसों का गबन किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ महिलाओं को केवल फोटो खींचने के लिए काम की जगह बुलाया जाता है। जब मनरेगा का पैसा उनके खाते में आता है, तो उन्हें केवल 500 रुपये देकर बाकी सारा पैसा ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक रख लेते हैं। यह एक सुनियोजित और संगठित घोटाला है, जिसमें गरीब मजदूरों का शोषण हो रहा है।
इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक की मिलीभगत सामने आ रही है। यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि इससे न सिर्फ सरकारी धन की चोरी हो रही है, बल्कि असली मजदूरों का हक भी मारा जा रहा है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले की गहराई से जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों पर रोक लगाई जा सके और सरकारी योजनाओं का सही लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच सके।
मनरेगा जैसी योजनाएं गरीबों के लिए उम्मीद की किरण होती हैं, लेकिन जब उसमें इस तरह का भ्रष्टाचार होता है तो वह न सिर्फ योजना की छवि खराब करता है, बल्कि आम जनता का विश्वास भी टूटता है। इस घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।