खाद वितरण में गड़बड़ी पर जिलाधिकारी सख्त, लापरवाही पर दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

Report By:श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी।


बाराबंकी: धान की रोपाई का यह समय किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में अगर उन्हें समय पर उचित मात्रा में खाद न मिले, तो उनकी मेहनत और फसल दोनों पर असर पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने मंगलवार को खाद वितरण की व्यवस्थाओं की हकीकत जानने के लिए जिले के विभिन्न उर्वरक केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने देवा, फतेहपुर और बंकी क्षेत्रों में स्थित इफको केंद्रों, सहकारी समितियों और निजी खाद विक्रेताओं के कार्यकलापों की बारीकी से जांच की। उन्होंने स्टॉक रजिस्टर, वितरण पंजी, भंडारण प्रणाली और खाद की उपलब्धता से जुड़ी जानकारियों को गहनता से परखा।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने खाद लेने आए किसानों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। कई किसानों ने बताया कि कुछ दुकानदार खाद के साथ अन्य गैर-जरूरी सामग्री खरीदने का दबाव बनाते हैं। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि —

“किसानों की सहमति के बिना कोई भी अतिरिक्त सामग्री देना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यदि इस प्रकार की कोई शिकायत सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

जिलाधिकारी ने कहा कि सहकारी समितियां किसानों के लिए कृषि सेवा की रीढ़ हैं और इनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, ईमानदारी और समयबद्धता आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद वितरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और हर किसान को समय पर पर्याप्त खाद मिलनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने निजी खाद विक्रेताओं और पीसीएफ (प्राइमरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन) के गोदामों का भी दौरा किया। उन्होंने भंडारण की स्थिति, खाद की उपलब्धता और वितरण की प्रक्रिया का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि धान सीजन के दौरान खाद का स्टॉक हमेशा उपलब्ध रहे और किसी आपात स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था तुरंत लागू की जा सके।

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों से विभिन्न उर्वरकों के प्रकार, उनकी गुणवत्ता, प्रयोग विधि और उनकी उपयुक्तता के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसान को न केवल खाद उपलब्ध हो, बल्कि सही जानकारी और सलाह भी मिले, जिससे वह अपनी फसल का अधिकतम उत्पादन कर सके।

निरीक्षण के अंत में डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि इस सीजन में खाद वितरण व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार सहन l किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे सतर्क रहें, नियमित रूप से केंद्रों की जांच करें और किसानों की किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।

इस निरीक्षण अभियान में जिला कृषि अधिकारी राजित राम, कृषि एवं सहकारिता विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी को निर्देश दिया गया कि जिले के हर किसान तक खाद सुचारु रूप से पहुंचे और कहीं भी काला बाजारी या अनियमितता की शिकायत न आए।

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