गाजीपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट मोड में – बाढ़ से निपटने के लिए तेज़ी से चल रही तैयारियाँ


गाजीपुर जिले में गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने संभावित बाढ़ की आशंका को देखते हुए पूरी तरह कमर कस ली है और राहत-बचाव कार्यों को प्रभावी रूप से अंजाम देने की दिशा में सक्रिय हो गया है। एडीएम (प्रशासन) दिनेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में गंगा का जलस्तर 53.094 मीटर तक पहुंच चुका है और यह प्रति घंटे लगभग 15 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है।

हालांकि यह जलस्तर अभी खतरे के निशान 63.105 मीटर से करीब 10 मीटर नीचे है, फिर भी बीते वर्षों के अनुभव और मौसम विभाग की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। यही कारण है कि जिले भर में बाढ़ से निपटने के लिए तमाम तैयारियों को समय रहते अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

प्रशासन द्वारा जिले के बाढ़ संभावित क्षेत्रों में 35 बाढ़ राहत केंद्र और 44 आश्रय केंद्र पहले ही चिन्हित किए जा चुके हैं। इन केंद्रों पर जरूरी व्यवस्थाएं जैसे कि शुद्ध पेयजल, खाद्य सामग्री, दवाइयां, शौचालय और साफ-सफाई की सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। साथ ही बाढ़ की आशंका वाले गांवों में प्रशासन की टीमों द्वारा जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर सकें।

जिले के सभी संवेदनशील और तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इन चौकियों के माध्यम से जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम प्रधानों, कोटेदारों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी अलर्ट कर दिया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता पहुंचाई जा सके।

आपातकालीन स्थिति को देखते हुए आवश्यक खाद्य सामग्री, पीने के पानी, औषधियों और अन्य राहत वस्तुओं की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया को पहले ही पूरा कर लिया गया है। गोदामों में सामग्री का भंडारण कर लिया गया है और इन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जा सकेगा।

प्रशासन को नरौरा बैराज से मिली जानकारी के अनुसार, वहां से पानी का बहाव वर्तमान में कम हो रहा है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों तक गाजीपुर में जलस्तर की स्थिति स्थिर बनी रह सकती है। हालांकि मानसून के तेज़ होने की स्थिति में हालात कभी भी बदल सकते हैं, इसीलिए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ हर स्थिति से निपटने को तैयार है।

गाजीपुर में गंगा नदी के अलावा 9 से अधिक सहायक नदियां और दर्जनों नाले हैं, जो बाढ़ के समय जलभराव का कारण बनते हैं और नागरिकों के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकते हैं। इन सहायक नदियों के जलस्तर पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है।

प्रशासन ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में केवल प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी कर दी गई है। साथ ही जिला आपदा नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है, जहां से सभी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जा रही है।

एडीएम दिनेश कुमार ने कहा
“हमारी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। बाढ़ से पहले ही पूरी तैयारी कर ली गई है। हम सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं। आम जनता से अनुरोध है कि किसी भी तरह की सूचना या निर्देश पर तुरंत प्रतिक्रिया दें और अफवाहों पर ध्यान न दें।”

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