मुहर्रम 2025 को लेकर भोजपुर में जिला शांति समिति की बैठक सम्पन्न, प्रशासन ने सौहार्दपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के दिए कड़े निर्देश

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद
भोजपुर जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय सभागार, आरा में गुरुवार को आगामी मुहर्रम पर्व 2025 को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर जिला शांति समिति की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की संयुक्त अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री तनय सुल्तानिया एवं पुलिस अधीक्षक भोजपुर ने की।
बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुहर्रम का पर्व प्रेम, भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। इसे लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, अफवाह या सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश को प्रशासन गंभीरता से लेगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी श्री सुल्तानिया ने निर्देश दिया कि मुहर्रम के जुलूस मार्गों की पूर्व जांच की जाए और वहां की साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, बिजली के तारों की मरम्मत, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने को कहा ताकि किसी प्रकार की अड़चन न आए।
पुलिस अधीक्षक भोजपुर ने बैठक में स्पष्ट किया कि असामाजिक एवं उपद्रवी तत्वों की पहचान पहले ही कर ली गई है। ऐसे लोगों के नाम संबंधित थानों के गुंडा रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह से तैयार रहेगा।
प्रशासन ने शांति समिति के सदस्यों से अपील की कि वे समाज के हर वर्ग से संपर्क बनाकर शांति और भाईचारे का संदेश फैलाएं। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि मुहर्रम के दौरान ड्रोन कैमरों, सीसीटीवी निगरानी और स्थानीय पुलिस की टीमों के माध्यम से सुरक्षा का मजबूत इंतजाम किया जाएगा।
बैठक में उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी थाना प्रभारी, शांति समिति के सदस्य एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों ने आपसी समन्वय के साथ पर्व के सफल आयोजन का भरोसा दिलाया। शांति समिति द्वारा रखे गए सभी बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन प्रशासन ने दिया।
बैठक का समापन करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि भोजपुर की पहचान उसकी धार्मिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि यह पर्व पूर्ण शांति, सुरक्षा और भाईचारे के वातावरण में संपन्न हो। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सतर्कता के साथ-साथ सामाजिक सहयोग भी जरूरी है, तभी समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा।