उत्तराखण्ड @ 2047: देहरादून में ‘सामूहिक संवाद  पूर्व सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन

Report By: उत्तराखंड डेस्क

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य की भावी दिशा और 2047 तक के समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से देहरादून में ‘उत्तराखण्ड @ 2047 – सामूहिक संवाद: पूर्व सैनिकों के साथ’ विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल एक संवादात्मक पहल थी, बल्कि यह प्रदेश के उन वीरों को सम्मान देने का एक अवसर भी बना, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का अमूल्य समय समर्पित किया है।

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए पूर्व सैनिकों ने भाग लिया और अपने बहुमूल्य अनुभव, विचार व सुझाव साझा किए। इस अवसर पर एक सैनिक पुत्र के रूप में विशेष आमंत्रित अतिथि ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई और पूर्व सैनिकों के साथ राज्य के विकास पर खुलकर संवाद किया।

एक सैनिक पुत्र होने के नाते यह कार्यक्रम मेरे लिए केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ा एक विशेष अवसर था। पूर्व सैनिकों की आँखों में राष्ट्रभक्ति की जो चमक है, वह आज भी प्रेरणा देती है। उनके अनुभव, दृष्टिकोण और सुझावों से न केवल नई ऊर्जा प्राप्त हुई, बल्कि उत्तराखण्ड को सशक्त एवं समृद्ध बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने आए।”

कार्यक्रम के दौरान पूर्व सैनिकों ने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता, युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करने, सैन्य भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, तथा पूर्व सैनिकों के पुनर्वास व सम्मान से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड जैसे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य को सैन्य दृष्टि से और अधिक सशक्त बनाने के लिए स्थानीय युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए।

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘उत्तराखण्ड @ 2047’ अभियान राज्य के विकास का एक दीर्घकालिक रोडमैप है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, पर्यटन, जल-संरक्षण, रोजगार और सुरक्षा जैसे विविध पहलुओं को सम्मिलित किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत समाज के विभिन्न वर्गों के साथ संवाद कर उनकी अपेक्षाओं और सुझावों को राज्य की नीतियों में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम के अंत में चुनिंदा पूर्व सैनिकों को उनकी सेवा और योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। यह पल अत्यंत भावुक और गौरवपूर्ण रहा, जब राज्य के उन वीर सपूतों को सार्वजनिक मंच पर सम्मान मिला, जिन्होंने अपने जीवन का स्वर्णिम काल मातृभूमि की सेवा में अर्पित कर दिया।

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