जकरिया में ग़मगीन माहौल में मोहर्रम के ताजिए दफन, या हुसैन की सदाओं से गूंजा इलाका

Report By: श्रवण कुमार यादव

बाराबंकी: कर्बला के शहीदों की याद में हर साल की तरह इस वर्ष भी बाराबंकी जनपद के जकरिया कस्बे में मोहर्रम की दसवीं तारीख को बड़े ही ग़मगीन माहौल और अकीदत के साथ ताजिए जुलूस निकाला गया। पूरे कस्बे में मातमी सन्नाटा पसरा रहा और या हुसैन… या हुसैन… की गूंज से फिज़ा शोकाकुल हो गई। शहीदाने कर्बला की याद में मनाया जाने वाला यह दिन अकीदतमंदों के लिए बेहद अहम रहा।

बुधवार सुबह कस्बे के मुख्य चौक पर रखे गए ताजिए जब जुलूस की शक्ल में निकाले गए, तो पूरा इलाका ग़म में डूब गया। लोग काले कपड़े पहने, सिर पर मातमी पट्टियां बांधे और हाथों में अलम लिए हुए दिखाई दिए। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी कर्बला की याद में अश्क बहाते हुए नज़र आए। इस दौरान कस्बे के अलग-अलग मोहल्लों से आए मातमी दस्ते नोहे और मर्सिए पढ़ते हुए ताजिए के साथ चल रहे थे।

नवीं मोहर्रम की रात चौक पर पारंपरिक तरीके से ताजिए रखे गए। इस मौके पर समुदाय के लोगों ने अमन और चैन के लिए दुआ मांगी। शांति, सद्भाव और इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए इमाम हुसैन (रजि.) और उनके 72 साथियों की कुर्बानी को याद किया गया। नोहे पढ़े गए, लंगर का आयोजन किया गया और नज़र दिया गया।

दसवीं मोहर्रम को सुबह से ही अकीदतमंद ताजिए लेकर तैयार थे। जुलूस जैसे-जैसे आगे बढ़ा, वैसे-वैसे लोगों की भीड़ बढ़ती गई। ताजिए के साथ चल रहे मातमी दस्तों की आवाजें “या हुसैन… या हुसैन…” पूरे वातावरण को शोक से भर रही थीं। शाम होते-होते ताजिए कर्बला पहुंचाए गए, जहां गमगीन माहौल में उन्हें नम आंखों के साथ दफन किया गया। ताजिए के दफन के वक्त हर आंख नम थी और दिल इमाम हुसैन की कुर्बानी से गमगीन।

जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक और भोजन की व्यवस्था की गई थी। छोला-चावल, पुलाव और हलवा आदि का वितरण किया गया। स्थानीय युवाओं और समाजसेवियों ने लंगर की व्यवस्था को खुद संभाला और अकीदतमंदों की सेवा की।

जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। उपनिरीक्षक मोहम्मद अय्यूब, दीवान नरेंद्र कुमार और महिला कांस्टेबल काजोल सिंह सहित पूरा पुलिस बल क्षेत्र में तैनात रहा। हर चौराहे और मार्ग पर सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। प्रशासन की सतर्कता और स्थानीय लोगों के सहयोग से जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर ग्राम प्रधान अनिल वर्मा, समाजसेवी इबादुर्रहमान, मोहम्मद इरफान, बीडीसी सदस्य रिजवान, पूर्व प्रधान जाबिर अली समेत सैकड़ों अकीदतमंदों ने भाग लिया। सभी ने मिलकर कर्बला की याद को ताज़ा किया और इमाम हुसैन की कुर्बानी को सलाम पेश किया।

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