मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी हाई अल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन की शुरुआत की रूपरेखा

देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शासकीय आवास में उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सीमांत एवं पर्वतीय क्षेत्रों में हाई अल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया जाए, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊं क्षेत्र में यह अल्ट्रा मैराथन गुंजी से आदि कैलाश तक तथा गढ़वाल क्षेत्र में नीति-माणा से मलारी तक आयोजित की जाए। उन्होंने इस आयोजन को राज्य के वार्षिक पर्यटन कैलेंडर में स्थायी रूप से शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि प्रत्येक वर्ष निर्धारित तिथि पर इस विशेष मैराथन का भव्य आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल साहसिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे, बल्कि सीमांत क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि आदि कैलाश और नीति-माणा जैसे स्थान सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इनका प्रचार-प्रसार वैश्विक स्तर पर किया जाना चाहिए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा की स्थिति में राहत एवं सहायता कार्यों को त्वरित और प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए तथा प्रभावितों को समय पर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा को लेकर विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमांत और पहाड़ी गांवों में घेरबाड़/सोलर फेंसिंग की व्यवस्था की जाए, जिससे किसान बिना भय के अपनी कृषि कर सकें और उनकी आय में वृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा।

इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगौली और अपर सचिव श्री बंशीधर तिवारी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रस्तावित योजनाओं की वर्तमान स्थिति और संभावित क्रियान्वयन मॉडल की जानकारी दी।

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