साइबर सेल बाराबंकी ने तत्परता दिखाते हुए 1 लाख रुपये पीड़ित को दिलाए वापस

रिपोर्ट: श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी

बाराबंकी: डिजिटल युग में जहां इंटरनेट ने जीवन को आसान बना दिया है, वहीं साइबर अपराधी भी नई-नई चालें चलकर आम नागरिकों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। लेकिन इस बार साइबर ठगों की चालाकी ज्यादा देर नहीं चली। बाराबंकी जिले के साइबर सेल ने एक पीड़ित की शिकायत पर महज 24 घंटे में कार्रवाई करते हुए एक लाख रुपये की ठगी की रकम वापस करवा दी। यह मामला न केवल प्रशासन की सजगता का प्रमाण है, बल्कि आम जनता के लिए एक बड़ा संदेश भी है कि सतर्कता और समय पर कार्रवाई से साइबर अपराधियों को मात दी जा सकती है।

घटना थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी की है, जहां निवासी अजय कुमार यादव, पुत्र अशरफी लाल यादव को एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर दोगुना मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। अजय यादव ने झांसे में आकर 1,00,000/- रुपये की रकम एक दिए गए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। लेकिन कुछ समय बाद जब उन्हें किसी प्रकार की कोई सेवा या मुनाफा नहीं मिला, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

अजय कुमार ने बिना समय गंवाए साइबर ठगी की शिकायत भारत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही बाराबंकी पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित एक्शन लिया।

पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी सदर सौरभ श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में साइबर सेल की टीम ने बिना देरी किए जांच शुरू की।
निरीक्षक संजीव कुमार यादव, प्रभारी साइबर थाना के नेतृत्व में उपनिरीक्षक इफलाक अहमद, सत्येंद्र पाण्डेय, और उनकी टीम — मुख्य आरक्षी नीरज यादव, जितेंद्र, आरक्षी सुधाकर, राजन यादव, अभिषेक चपराणा, अंकुश, पंकज सिंह, अनुराग सिंह, अंकित कुमार, मधु भारती और महिला आरक्षी मोहिनी तिवारी — ने समर्पित होकर काम किया।

साइबर सेल ने तुरंत संबंधित बैंक और मर्चेंट से संपर्क साधा, संदिग्ध खाते को होल्ड कराया और पूरी ट्रांजैक्शन प्रक्रिया पर निगरानी रखते हुए ठगी की गयी सम्पूर्ण राशि ₹1,00,000/- को सफलतापूर्वक पीड़ित के खाते में वापस भिजवाया।

यह मामला बताता है कि समय पर शिकायत करना कितना जरूरी है। यदि पीड़ित थोड़ी भी देर करता, तो राशि रिकवर कर पाना मुश्किल हो सकता था। साइबर सेल की त्वरित प्रतिक्रिया, प्रोफेशनल अप्रोच और तकनीकी दक्षता ने एक आम नागरिक को बड़ा नुकसान उठाने से बचा लिया।

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