गाजीपुर के यूसुफपुर खड़बा में इमामे हुसैन का तीजा अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया

रिपोर्ट: आसिफ अंसारी
गाजीपुर: जिले के यूसुफपुर खड़बा गांव में हर साल की तरह इस वर्ष भी शोहदाए करबला की याद में इमामे हुसैन का तीजा बड़ी अकीदत, सादगी और शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य गांवों और शहरों से भी अंजुमनें पहुंचीं और इस पाक मौके पर अपनी श्रद्धा अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत तरीके से अखाड़ा प्रदर्शन से हुई, जिसमें युवाओं ने अपने फन और ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। इस अखाड़ा कार्यक्रम में विशेष रूप से जखनिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक बेदी राम ने भी शिरकत की। उन्होंने इस धार्मिक आयोजन की सराहना करते हुए सभी आयोजकों को धन्यवाद दिया और इमामे हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि यह दिन इंसानियत और सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।
इसके बाद विभिन्न अंजुमनों द्वारा नौहा ख्वानी का आयोजन किया गया, जिसमें अंजुमन ग़ुलाम ए ख्वाजा पहेतियां गाजीपुर, अंजुमन रिजवानिया पहेतिया गाजीपुर, अंजुमन हुसैनिया कटैला सहित अन्य अंजुमनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी अंजुमनों ने इमामे हुसैन और उनके जानिसार साथियों की शहादत को याद करते हुए नौहे पेश किए। मातमी जुलूस के दौरान श्रद्धालुओं ने सीना ज़नी (मातम) कर गहरा शोक व्यक्त किया और करबला की यादों को ताज़ा किया।
इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में यूसुफपुर खड़बा अंजुमन के खलीफा इद्रीश, वकील अहमद, मोहम्मद शेर अली, साहिल भट्ट, मेराज परवाना, ग्राम प्रधान गोलू सिंह, प्रधान प्रतिनिधि पंचम सिंह, झब्बू सिंह, टनटन सिंह, विनीत शर्मा उर्फ गौरव, नीलेश सिंह, जैन विक्रम सिंह, मनीष शर्मा समेत तमाम स्थानीय नागरिकों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। सभी लोगों ने मिलकर आए हुए अंजुमनों का स्वागत किया और उनके हौसले को बढ़ाया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा। श्रद्धालुओं ने न सिर्फ धर्म के प्रति अपनी निष्ठा जताई, बल्कि समाज में भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी दिया। इमामे हुसैन का यह तीजा कार्यक्रम लोगों को करबला की उस महान कुर्बानी की याद दिलाता है, जो अन्याय और अत्याचार के खिलाफ सच्चाई और इंसाफ के लिए दी गई थी।
इस अवसर पर प्रशासन और पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे, जिससे कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो सका। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को बेहद सफल और भावुक बताया और कहा कि यह परंपरा आने वाले वर्षों में भी इसी श्रद्धा और गरिमा के साथ निभाई जाती रहेगी।