भोजपुर में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड में, एसडीओ ने किया तटवर्ती क्षेत्रों का निरीक्षण

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
भोजपुर जिला प्रशासन बाढ़ की संभावित स्थिति को लेकर पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है। जिला पदाधिकारी श्री तनय सुल्तानिया के निर्देश पर आरा सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रखंड अंतर्गत तटवर्ती क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर संभावित खतरों का आकलन करना और आवश्यक सुरक्षा उपायों को समय रहते लागू करना रहा।
निरीक्षण के दौरान एसडीओ आरा ने विभिन्न गांवों का दौरा कर कटाव प्रभावित क्षेत्रों का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। खासतौर से गंगा नदी के किनारे बसे इलाकों में कटाव की स्थिति पर विशेष फोकस किया गया। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कटाव निरोधक कार्यों में तेजी लाई जाए और जहां कहीं भी तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हो, उसे प्राथमिकता दी जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी कटाव का स्थान बिना समाधान के न छूटे।
एसडीओ ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि सभी बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना का कार्य समय रहते पूरा कर लिया जाए। राहत शिविरों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, पेयजल, दवाइयां, तिरपाल, नाव एवं अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाए। साथ ही शिविरों में स्वच्छता व्यवस्था के लिए पंचायत स्तर पर भी विशेष निगरानी रखी जाए ताकि बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष मेडिकल टीमों की तैनाती के लिए निर्देश दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
डीएम तनय सुल्तानिया ने कहा, “भोजपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है। हमारा मुख्य उद्देश्य बाढ़ की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम करना और लोगों को राहत एवं सुरक्षा उपलब्ध कराना है। तटबंधों की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और सभी विभागों को समय रहते तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।”
निरीक्षण के दौरान अंचलाधिकारी आरा सदर, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बाढ़ नियंत्रण कार्यों में कोई कोताही न हो और हर गतिविधि का प्रतिदिन फील्ड विजिट कर निरीक्षण किया जाए।