बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर भोजपुर जिला प्रशासन सतर्क

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
भोजपुर जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को लेकर अपनी तैयारियों को पूरी तरह अलर्ट मोड में डाल दिया है। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए जिला समाहरणालय सभागार, आरा में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता स्वयं जिला पदाधिकारी श्री तनय सुलतानिया ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में बाढ़ प्रबंधन से जुड़े सभी प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी स्थिति में आमजन को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी विभागों को सतर्क और सक्रिय रहना होगा। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ से जुड़ी तैयारियों को शीर्ष प्राथमिकता पर लें। उन्होंने आदेश दिया कि सभी राहत कार्यों की अद्यतन जानकारी ‘संपूर्ति पोर्टल’ पर कैंप मोड के तहत अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर अपलोड की जाए।
डीएम श्री तनय सुलतानिया ने संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थलों पर नोडल अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने को कहा ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने उत्तर बिहार सीमा क्षेत्र में गंगा नदी द्वारा हो रहे तीव्र कटाव को गंभीरता से लेते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के बलिया जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त स्तर पर रोकथाम कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं।
जिला पदाधिकारी ने बैठक के दौरान निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाएं, वृद्धजन, दिव्यांगजन तथा अन्य कमजोर और जरूरतमंद वर्गों की पहले से पहचान कर उनके लिए विशेष राहत एवं पुनर्वास योजनाओं को लागू किया जाए। इस कार्य की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) को सौंपी गई है।
बैठक में जिले में उपलब्ध सभी बाढ़ राहत संसाधनों की गहन समीक्षा की गई। इसमें पॉलीथिन शीट्स, नाव, मोटरबोट, लाइफ जैकेट, सर्च लाइट, सैटेलाइट फोन, वायरलेस सेट, सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति और राहत शिविरों की व्यवस्थाओं पर विशेष चर्चा की गई। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि आवश्यकतानुसार अतिरिक्त संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और बाढ़ से पहले सभी स्टॉक की भौतिक जांच कर ली जाए।
जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि जलस्तर की स्थिति पर निरंतर रियल टाइम निगरानी की जाएगी। इसके लिए नदी किनारे गश्ती दल तैनात किए जाएंगे। संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची का पुनर्मूल्यांकन कर राहत शिविरों के स्थानों का भी भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि वे अपने सभी मेडिकल दलों को पूरी तरह तैयार रखें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल पहुंचने के लिए आवश्यक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही बिजली और संचार सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए संबंधित विभागों को पहले से कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के समय किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण कर ग्राउंड रियलिटी जानने तथा राहत कार्यों की समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दिया।
इस अहम बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती गुंजन सिंह, अपर समाहर्ता, सहायक समाहर्ता, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।