गंगा कटाव और बाढ़ से हो रहे नुकसान को लेकर भाकपा माले ने किया धरना प्रदर्शन,

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद
भोजपुर जिला इन दिनों गंगा और सोन नदियों के बढ़ते जलस्तर और उसके चलते हो रहे कटाव व बाढ़ की भीषण मार झेल रहा है। इस गंभीर स्थिति को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) द्वारा शनिवार को आरा के रमना मैदान के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व खुद आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने किया।
धरना स्थल पर जुटे सैकड़ों कार्यकर्ताओं और भाकपा माले के नेताओं ने बिहार सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे शाहपुर, बिहिया, बरहरा समेत कई प्रखंडों के दर्जनों गांवों पर संकट मंडरा रहा है।
उन्होंने विशेष रूप से शाहपुर प्रखंड के जवईनिया गांव की स्थिति को लेकर चिंता जताई और बताया कि, _”गंगा का प्रलयकारी पानी पूरे गांव पर आफत बनकर टूटा है। पिछले साल इस गांव में एक मंदिर सहित 64 घर गंगा में समा गए थे, और इस साल अब तक हनुमान मंदिर और गोवर्धन पर्वत समेत दो दर्जन से अधिक घर बाढ़ में बह चुके हैं।”
सिर्फ गंगा ही नहीं, सोन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। सांसद सुदामा प्रसाद ने बताया कि सोन नदी के तटीय गांवों में भी लोग कटाव और जलभराव से परेशान हैं। खेत, मकान और सड़कें पानी में डूब रही हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
धरना को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि इस आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, _”जो लोग अपने परिजनों या घरों को खो चुके हैं, उन्हें 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए।” साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे, ताकि केंद्र सरकार से अधिक संसाधन और राहत मिल सके।
इस मौके पर भाकपा माले ने अपनी 15 सूत्री मांगों को भी प्रशासन के समक्ष रखा, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित मांगे शामिल थीं:
बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत सामग्री और आश्रय स्थल उपलब्ध कराना
कटाव प्रभावित गांवों के लोगों के लिए स्थायी पुनर्वास योजना
जवईनिया और अन्य गांवों में कटाव रोकने के लिए ठोस तटबंध निर्माण
फसल और पशुधन के नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा
बाढ़ से मरे लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता राशि
प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली और पेयजल की व्यवस्था बहाल करना
बाढ़ प्रभावित स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से चालू करना
पीड़ितों के बच्चों की शिक्षा का विशेष प्रबंध
बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना
आपदा प्रबंधन टीम को तत्काल और प्रभावी कार्रवाई के लिए सक्रिय करना
स्थानीय प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही
राहत कार्यों की निगरानी के लिए सर्वदलीय निगरानी समिति का गठन
स्वास्थ्य शिविर लगाकर बीमारियों की रोकथाम की व्यवस्था
किसानों को ब्याजमुक्त कर्ज और बीमा का लाभ
बाढ़ से हुए नुकसान की अद्यतन रिपोर्ट सार्वजनिक करना
अपने संबोधन के दौरान सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा, “आज का धरना उन हज़ारों लोगों की आवाज़ है, जो बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं और जिनकी सुनवाई नहीं हो रही। हमारी पार्टी हमेशा जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाती रही है और आगे भी हम जनता के साथ खड़े रहेंगे।”
धरना के अंत में भाकपा माले के प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को 15 सूत्री ज्ञापन सौंपा, जिसे जिला प्रतिनिधि ने स्वीकार कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। प्रदर्शन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ लेकिन यह साफ कर गया कि यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो भाकपा माले आंदोलन को और तेज करेगी।