आरा में महिला होमगार्ड जवान के बेटे ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, मां देती रही बार-बार सीपीआर

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा,भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर से एक बेहद दर्दनाक और भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। एक महिला होमगार्ड जवान के बेटे ने अपने ही घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना आरा के नवादा थाना क्षेत्र अंतर्गत गोडना रोड की है। मृतक 15 वर्षीय मोहित राज था, जो संतोष कुमार का पुत्र था।
मोहित की मां बिहार होमगार्ड में सिपाही हैं और फिलहाल आरा जिला समाहरणालय में अपनी ड्यूटी पर कार्यरत हैं। घटना के समय वे अपनी ड्यूटी पर थीं। जब उन्हें घटना की जानकारी मिली, तो वे तुरंत घर पहुंचीं और फिर अपने बेटे को लेकर आरा सदर अस्पताल भागीं।
अस्पताल में मां का हृदयविदारक दृश्य देखने को मिला। एक मां जो ड्यूटी पर देश की सेवा करती है, वह अपने बेटे को खोने के बाद भी हार नहीं मान रही थी। वह बार-बार अपने बेटे को सीपीआर देती रही। मुंह से सांस देने की कोशिश करती रही, उसकी धड़कन वापस लाने के लिए भरसक प्रयास करती रही। वह ईश्वर से अपने बेटे को बचा लेने की दुआ करती रही। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद मोहित को मृत घोषित कर दिया।
मोहित की आत्महत्या क्यों हुई, इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। घर वालों के अनुसार मोहित दोपहर में स्कूल से घर लौटा था और अपने कमरे में चला गया। जब काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो घर के अन्य सदस्य उसके कमरे में पहुंचे। दरवाज़ा खोलने पर देखा कि मोहित ने कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।
घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। परिवार वालों ने आनन-फानन में उसे फंदे से उतारा और आरा सदर अस्पताल लाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इस दर्दनाक हादसे के बाद से पूरे मोहल्ले में शोक का माहौल है। मोहित की मां, जो रोज़ दूसरों की सुरक्षा करती थीं, आज खुद अपने बेटे की जान नहीं बचा सकीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
फिलहाल पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी है। अभी तक किसी सुसाइड नोट की जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में आत्महत्या का कारण क्या था, यह जांच के बाद ही साफ हो सकेगा।
यह घटना समाज के लिए एक बड़ी सीख है कि बच्चों की मानसिक स्थिति को समय रहते समझना बहुत जरूरी है। माता-पिता और अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से संवाद बनाए रखें, उनके मन की स्थिति को समझें, ताकि ऐसे दर्दनाक हादसों से बचा जा सके।